बिहार में मुर्दे को भी दिया जा रहा है कोरोना का वैक्सीन

बिहार में मुर्दे को भी दिया जा रहा है कोरोना का वैक्सीन

बिहार में मुर्दे को भी दिया जा रहा है कोरोना का वैक्सीन

बिहार में मुर्दे को भी दिया जा रहा है कोरोना का वैक्सीन

पहले पीएम, यूपी के सीएम, अमित शाह सहित कई बड़े नेताओं को दिया जा चुका है वैक्सीन स्वास्थ्य विभाग की खुल रही है पोल

पटना (बिहार) : कोरोना के लिए अभी तक किसी खास दवा का निर्माण नहीं हो सका है। तत्काल, वैक्सीन को ही कारगर उपाय माना जा रहा है। ऐसे में, वैक्सीनेशन बेहद जरूरी है। लेकिन बिहार में स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना टीकाकरण महा अभियान को स्वास्थ्य विभाग के मुलाजिमों ने, मजाक बना कर रख दिया है। वैक्सीनेशन के महा अभियान में लक्ष्य पूर्ति के लिए मरे हुए लोगों को भी वैक्सीन दी जा रही है। इस बात का खुलासा, एक मृत महिला के मोबाइल पर आया मैसेज से हुआ है। अब इसे लापरवाही कहें, या फिर काम का बोझ लेकिन ऐसी स्थिति कोरोना के खिलाफ जारी जंग के लिए ठीक नहीं है। बिहार के जमुई से यह खबर सामने आयी है, जो टीकाकरण के उद्देश्य के लिए कहीं से भी हितकारी नहीं है।
मामला जमुई जिले के गिद्धौर प्रखंड से जुड़ा है। कोरोना टीकाकरण में चल रही लापरवाही की पोल तब खुला, जब गिद्धौर निवासी श्याम किशोर गुप्ता की दिवंगत पत्नी मालती देवी के फोन में मैसेज आया। आपको बता दें कि इसी साल अप्रैल महीने में ही मालती देवी का निधन हो गया था। गौरतलब है कि कोरोना से ग्रसित होने के बाद ही, ईलाज के दौरान उनकी मौत सदर अस्पताल में हो गयी थी। इस मृतक महिला के दूसरे डोज के टीका पड़ने और सफलतापूर्वक आच्छादित होने का बधाई संदेश सभी को चौंका रहा है। बात इतने पर ही खत्म नहीं हो रही है। बिहार के गया जिले में अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। वैक्सीनेशन और कोरोना जाँच में फर्जीवाड़ा, कई तरह से हो रहे हैं। बिहार के गया जिले में उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी, बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज दी गयी है। फर्जीवाड़ा के इस मामले में टिकारी थाने में केस भी दर्ज कराया गया है। इससे पहले अरवल के करपी एपीएचसी में इसी तरह का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया था। यहाँ वैक्‍सीन लेने वालों की सूची में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और फिल्‍म अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा जैसे लोगों के नाम शामिल थे। इस मामले में भी काँड दर्ज किया गया है। गया के टिकारी मामले में, स्वास्थ्य विभाग ने जम्मू के एक फोन नंबर पर केस दर्ज कराया है। जबकि दो मोबाइल नंबर अभी बंद हैं। जिसके कारण लोकेशन की जानकारी नहीं हो पा रही है। गया के सिविल सर्जन के आदेश पर टिकारी थाने में केस दर्ज कराया गया है। टिकारी प्रखंड के उप स्वास्थ्य केंद्र अलीपुर की एएनएम उषा कुमारी का मोबाइल नंबर को कोविड वैक्सीनेशन के लिए कोविड वैक्सीनेशन पोर्टल पर यूजर आईडी और पासवर्ड के रूप में दर्ज किया गया था। एएनएम का यूजर और पासवर्ड चार हायर वैक्सीनेटर बबन कुमार, उमाशंकर सिंह, आकाश कुमार और रविराज को मुहैया कराया गया था। लेकिन उस यूजर और आईडी का गलत इस्तेमाल करते हुए कुछ राजनीतिक लोगों का वैक्सीनेशन उस आईडी से इसी 7 दिसंबर को किया गया। इस बात की भनक लगते ही स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी आईडी और यूजर को तत्काल बंद कर दिए गए हैं। फिलहाल साईबर एक्सपर्ट, इस मामले की जाँच कर रहे हैं। अब, आम लोग से लेकर खास लोग तक, यह समझने की कोशिश करें कि बिहार में क्या-क्या हो रहे हैं और बिहार किस राह पर है।
मुकेश कुमार सिंह