GST दरों में कटौती के बाद भी क्यों बढ़ाई कीमतें? ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ सरकार सख्त; अब देना होगा जवाब

Gst Rate Cut Monitoring

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नई दिल्ली: Gst Rate Cut Monitoring: सरकार अब ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर बिकने वाली रोजमर्रा की जरूरत की चीजों की कीमतों पर कड़ी नजर रख रही है. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों में हाल ही में की गई कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पूरी तरह और पारदर्शी तरीके से पहुंचे.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कई ई-कॉमर्स कंपनियां शैम्पू, दाल, टूथपेस्ट, मक्खन और अन्य उत्पादों की कीमतों में जीएसटी कटौती का असर नहीं दिखा पा रही हैं. इसको लेकर सरकार ने अनौपचारिक तौर पर कुछ ऑपरेटरों को फटकार भी लगाई है. हालांकि इन कंपनियों ने इसे तकनीकी गड़बड़ियों का नतीजा बताया है, लेकिन वित्त मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि किसी भी बहाने को स्वीकार नहीं किया जाएगा.

22 सितंबर से लागू नई जीएसटी व्यवस्था में अधिकांश दैनिक उपयोग की वस्तुएं पांच और 18 प्रतिशत की दर पर आ गई हैं. इसके बाद 99 फीसदी उत्पादों की कीमतें घटनी चाहिए थीं. लेकिन उपभोक्ताओं की शिकायत है कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अभी भी ऊंची कीमत वसूली जा रही है. इस पर सरकार का राजस्व विभाग लगातार नजर बनाए हुए है और यह देख रहा है कि कर कटौती का अनुपात कीमतों में भी दिखे.

वित्त मंत्रालय ने नौ सितंबर को केंद्रीय जीएसटी के क्षेत्रीय अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे 54 प्रमुख वस्तुओं की कीमतों का मासिक तुलनात्मक विवरण तैयार करें. इसमें ब्रांड-वार अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) शामिल होगा. पहली रिपोर्ट केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) को मंगलवार तक सौंपी जानी थी. इस सूची में मक्खन, शैम्पू, केचप, आइसक्रीम, टेलीविजन, एयर कंडीशनर, सीमेंट और डायग्नोस्टिक किट जैसी वस्तुएं शामिल हैं.

हालांकि मुनाफाखोरी रोकने वाली संस्थागत व्यवस्था फिलहाल सक्रिय नहीं है, लेकिन सरकार उपभोक्ता हितों की रक्षा के लिए सतर्क है. कई कंपनियों ने स्वयं आगे आकर कीमतों में कटौती की घोषणा भी की है. सरकार का कहना है कि उपभोक्ताओं को जीएसटी कटौती का पूरा लाभ मिलना चाहिए और किसी भी स्तर पर गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

कुल मिलाकर, सरकार का यह कदम उपभोक्ताओं के विश्वास को मजबूत करने और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है.