घटती महंगाई के बीच भारतीय बॉन्ड मार्केट चमक रहा : जेफरीज
- By Vinod --
- Monday, 02 Jun, 2025

Indian bond market shines amid falling inflation
Indian bond market shines amid falling inflation- मुंबई। महंगाई में कमी जारी रहने और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद बढ़ने के साथ भारतीय बॉन्ड मार्केट मजबूत प्रदर्शन दर्ज करवा रहा है। यह जानकारी जेफरीज की एक लेटेस्ट रिपोर्ट में दी गई।
भारत में मुद्रास्फीति लगातार कम हो रही है। पिछले वित्त वर्ष में औसत मुद्रास्फीति 4.6 प्रतिशत थी और अप्रैल 2025 में यह घटकर केवल 3.2 प्रतिशत रह गई, जो जुलाई 2019 के बाद सबसे निचला स्तर है। इससे आरबीआई को आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए ब्याज दरों में कटौती करने में अधिक अवसर मिला है।
अब तक, केंद्रीय बैंक ने नीतिगत दरों में 50 आधार अंकों की कटौती की है और जेफरीज ने 2025 के अंत तक 75 आधार अंकों की अतिरिक्त कटौती का अनुमान लगाया है। इससे खासकर लंबी अवधि के निवेशकों के लिए भारतीय सरकारी बॉन्ड अधिक आकर्षक बन गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका जैसे विकसित बाजारों के बॉन्ड की तुलना में, भारतीय बॉन्ड वर्तमान में बेहतर रिटर्न दे रहे हैं। अप्रैल 2020 से भारत के टेन-ईयर सरकारी बॉन्ड ने अमेरिकी डॉलर के संदर्भ में अमेरिकी टेन-ईयर ट्रेजरी बॉन्ड की तुलना में 51 प्रतिशत बेहतर प्रदर्शन किया है।
जेफरीज ने कहा कि यह वास्तविकता नहीं रह गई है कि भारत के टेन-ईयर सरकारी बॉन्ड पर प्राप्ति अमेरिका के टेन-ईयर ट्रेजरी बॉन्ड से कम हो सकती है। भारतीय रुपए की मजबूती और उभरते बाजारों के बॉन्ड के बेहतर प्रदर्शन से भी निवेशकों का भरोसा बढ़ रहा है।
जेफरीज द्वारा ट्रैक किए जाने वाले एक ग्लोबल सॉवरेन बॉन्ड पोर्टफोलियो में भारत का 15-ईयर बॉन्ड सबसे बड़ी होल्डिंग है, जो पोर्टफोलियो का 25 प्रतिशत है। बॉन्ड पर वर्तमान में 6.38 प्रतिशत का ब्याज मिल रहा है, जो भारत के फिक्स्ड इनकम मार्केट में निरंतर विश्वास को दर्शाता है, क्योंकि निवेशक जी-7 सरकारी ऋण से दूर जाने लगे हैं।
जेफरीज ने कहा कि जी-7 सरकारी बॉन्ड की तुलना में भारतीय बॉन्ड बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं, जो ट्रेडिशनल पावरहाउस जैसे यूएस और यूरोप से अलग ग्लोबल फाइनेंशियल सिस्टम में एक व्यापक बदलाव का संकेत हो सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि महंगाई में गिरावट और वास्तविक ब्याज दरें आकर्षक होने के कारण भारत के बॉन्ड बाजार को घरेलू ब्याज दरों में कटौती और उभरते बाजारों के ऋण में बढ़ती वैश्विक रुचि दोनों से लाभ होने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जी-7 बॉन्ड की अस्थिरता से दूर जाने के इच्छुक इंटरनेशनल निवेशकों के लिए भारत एक आशाजनक विकल्प है, जो हाई यील्ड, स्थिर अर्थव्यवस्था और मुद्रा लाभ की संभावना प्रदान करता है।