राष्ट्र नायक डॉ बाबा साहेब की 134वी जयंती विशेष
134th Birth Anniversary of Dr. Baba Saheb
आइएं इस 14 अप्रेल पर डॉ बाबा साहेब के सम्मान में अपने घर और कार्यस्थल पर दीप जलाएं : वरिष्ठ समाजसेवी मुशरफ खान
डॉ. बाबा साहेब की जयंती को ज्ञान दिवस के रूप में मनाएं : वरिष्ठ समाजसेवी मुसरफ खान
डॉ. बाबा साहेब के योगदान को कभी भी नहीं भुलाया जा सकता, हम हमेशा उनके क़र्ज़दार रहेंगे : वरिष्ठ समाजसेवी मुसरफ खान
आगरा। 134th Birth Anniversary of Dr. Baba Saheb: भारतीय समाज में राष्ट्र नायक डॉ बाबा साहेब भीमराव रामजी अम्बेडकर जी के अपार योगदान और समानता और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने में उनकी स्थायी विरासत को मान्यता देते हुए, इस दिन को पूरे भारत में उनकी विरासत का सम्मान करने के लिए बहुत सम्मान से हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मनाया जाता है।
राष्ट्र नायक डॉ बाबा साहेब भीमराय रामजी अम्बेडकर जी के 134वे जन्म दिवस के शुभ अवसर पर सभी देशवासियों को शुभकामनायें व्यक्त करते हुए सुप्रशिद्ध एवं लोकप्रिय वरिष्ठ समाजसेवी मुसरफ खान ने कहा कि आइएं इस 14 अप्रेल पर बाबा साहेब के सम्मान में अपने घर और कार्यस्थल पर दीप जलाएं और डॉ. बाबा साहेब की जयंती को ज्ञान दिवस के रूप में मनाएं। हम हमेशा डॉ बाबा साहेब के क़र्ज़दार रहेंगे क्योकि उनके चिंतन और विचारों में देश सबसे ऊपर हैं। बाबा साहेब के विचारों से आप स्वयं का निर्माण कर परिवार, समाज एवं राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत को समझना, भारत को मनाना, भारत के बनो और भारत को बनाओं के मंत्र से ही सशक्त एवं विकसित राष्ट्र का निर्माण होगा। इसलिए सभी को बाबा साहेब की तरह अच्छी शिक्षा लेनी चाहिए परंतु अच्छी शिक्षा के साथ ही हमारा प्रथम उद्देश्य राष्ट्रहित भी होना चाहिए। किसी का भी जीवन तभी अच्छा बनता है, जब उनका जीवन जीवनमूल्यों से युक्त होता है। हमें अपना व्यक्तित्व अच्छा बनकर चरित्रवान एवं बुद्धिमान बना है। युवाओं की सोच एवं उनकी ऊर्जा में वह शक्ति होती है जो असंभव को भी संभव कर देती है। इसलिए हमें राष्ट्रहित के लिए छोटे- छोटे पहलुओं पर ध्यान देना होगा और युवाओं और समाज को को जागरूक करना होगा। यही बाबा साहब की सोच और शिक्षा थी, लेकिन हमारे देश के अंदर हजारों सालों से अभी कुछ जगह व्याप्त जातिवाद एवं क्षेत्रवाद जैसे गंभीर मुद्दे युवाओं और समाज के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। आज इस तेजी से परिवर्तन के दौर में युवा और सम्पूर्ण समाज को इन चुनौतियों को स्वीकार कर इन्हें समाजवाद से जोड़कर राष्ट्रहित में जुड़ जाना चाहिए। जैसे ग़रीबी की कीचड़ में जेड होने के बावजूद 'बाबा साहेब कमल' की तरह खिलकर पुरे देश के वातावरण को महकता है। उसी तरह हमें भी अपना ऐसा व्यक्तित्व निर्माण करना चाहिए, जिससे संपूर्ण समाज को महकते हुए हम राष्ट्र निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें सके। देश के लिए किये गए डॉ. बाबा साहेब के योगदान को कभी भी नहीं भुलाया जा सकता, हम हमेशा उनके क़र्ज़दार रहेंगे। उन्होंने कहा यह पर्व आपसी भाईचारे एवं एकता का प्रतिक हैं। डॉ बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर जी ने भारत का संविधान लिखकर हम सब को समान अधिकार दिया हैं। डॉ बाबा साहेब ने अपने लिखें संविधान में हमें वोट डालने का अधिकार दिया हैं। नारी शक्ति को भी सम्मान देते हुए बराबरी का हक दिया हैं। उन्होंने भारत के प्रत्येक नागरिक को हर प्रकार की आज़ादी, मूलभूत सुविधाएं संविधान में प्रदान की गयी हैं। इसलिए हमारा कर्तव्य बनता हैं कि हम सब डॉ बाबा साहेब द्वारा दिये गए दिशा निर्देशों पर पूरी ईमानदारी से चलें और उनके द्वारा बताएं गए कर्तव्यों का निष्ठां से पालन करें। आपसी भाईचारे एवं एकता के पर्व पर मैं मुसरफ खान बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर जी को उनकी 134वी जन्म जयंती के शुभ अवसर पर कोटी-कोटी नमन करते हुए उन्हें बारम्बार श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उन्होंने कहा कि डॉ बाबा साहेब की जन्म जयंती पर, हम भारत के लोगों की तरफ से अपनी सामूहिक शक्ति का ये प्रदर्शन, ये संकल्प राष्ट्र नायक, भारतीय सविधान के रचयिता, भारत गणराज्य के निर्माता, कानून और अर्थशास्त्र के विशेषज्ञ, देश के प्रथम विधि एवं न्याय मंत्री, दलित, शोषित पीड़ित वंचितो के मसीहा, सामाजिक न्याय के प्रणेता, देश को नई दिशा देने वाले, गरीब के ग्रेट लीडर डॉ बाबा साहेब की 134वी जन्म जयंती पर सच्ची श्रद्धांजलि है।
उन्होंने कहा कि डॉ बाबा साहेब के विचारों पर आधारित किताबें स्वयं पढ़े और बच्चों को भी बांटे तथा सभी से किताबें पढ़ने की अपील करें ताकि डॉ बाबा साहेब के राष्ट्रवादी विचारों का घर - घर में प्रसार हो और ये महत्वपूर्ण सन्देश देश विदेश और प्रदेश भर में बड़े स्तर जाये। जिससे पीढ़ियों को एक समावेशी और न्यायसंगत समाज की दिशा में अपना काम जारी रखने के लिए प्रेरणा मिलती है। डॉ अम्बेडकर जी का दर्शन आज भी वर्तमान समाज के लिए प्रासंगिक है। भारत की सामाजिक - सांस्कृतिक व्यवस्था को आकार देने में उनकी सक्रिय भूमिका के बिना, पुरातन मान्यताओं वाले देश से दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र वाले देश बनने में कोई प्रगति करना असंभव होता। हमारे संविधान ने अधिक न्यायापूर्ण और लोकतान्त्रिक समाज बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण और लंबे कदम बढ़ाये हैं, लेकिन स्वतंत्रता के समय हमारे समाज में गहरी जड़े जमाई हुई आज़ादी के 76सालों के बाद भी असमानता आज़ भी मौजूद हैं। अभी इस पर एकता और राष्ट्रहित में काफ़ी कार्य किया पूरा किया जाना शेष हैं और सामाजिक असमानता को दूर करने के लिए हमारे सर्व समाज में एकता और संविधानवाद की भावना लाने की ज़रूरत हैं। यादि क़ानून के युवा छात्रों और सनातकों का मार्गदर्शन संविधान के मूल्यों से होगा, तव वे नाकाम नहीं होंगे। इस विचार का विस्तार है कि न्यायालय से संपर्क करने का अधिकार संविधान का हृदय और आत्मा है।संविधान अस्तित्व में है और संविधान काम करता है। डॉ बाबा साहेब ने हमारे देश का संविधान लिखा जिसके तहत हमारी सरकारे बर्षो वर्ष से सुचारु रूप से चल रही हैं। भारत के लोग कई संवेधानिक अधिकारों के लिए डॉ बाबा साहेब भीमराय अम्बेडकर जी के क़र्ज़दार हैं। बाबा साहेब ने भारत के औपनिवेशक शासकों के अनुग्रह के रूप में हमें संविधान नहीं प्रदान किया हैं। हमारा संविधान एक ऐसा दस्तावेज हैं जिसे देश में ही तैयार किया गया हैं, जो स्वशासन, गरिमा और स्वतन्त्रता का उत्पाद हैं। हमारा संविधान जीवन का माध्यम है।
उन्होंने कहा कि डॉ अंबेडकर जी ने अपना सारा काम और जीवन दबे - कुचले गरीबों, मजदूरों, महिलाओं और अछूतों के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया। डॉ. बीआर अंबेडकर जी ने न केवल देश को अपना संविधान दिया बल्कि भारत की केंद्रीय बैंकिंग संस्था, भारतीय रिजर्व बैंक के गठन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वर्तमान में भारतीय रिजर्व बैंक के रूप में जाना जाता है, बनाने में उनका योगदान बहुत बड़ा था।आज भी भारत और दुनिया भर में युवा पीढ़ी के मन को प्रेरित करते हैं। एक अर्थशास्त्री होने के नाते उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को समझने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने लाखों लोगों को औद्योगिक और कृषि गतिविधियों के विकास के लिए प्रेरित किया। वह भारत के महानतम लोगों में से एक थे जिन्होंने लोगों को बेहतर सामुदायिक स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए प्रेरित किया। डॉ. अम्बेडकर जी के जन्मदिन पर भारत के सबसे महान दिमागों में से एक को सम्मान देने से बेहतर कुछ नहीं है। देश के विकास के लिए हम सब भारतीयों को आपस में मिलजुल कर देश को आगे बढ़ाने के लिए प्रयास करना चाहिए। आज हम सब की जिम्मेदारी है कि हम एक दूसरे की मदद करें और देश को उन्नति एवं विकास के पथ पर आगे बढ़ाएं क्योकि डॉ बाबा साहब ने अपना पूरा जीवन गरीबों, कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए न्योछावर कर दिया। बाबा साहब ने समाज में हर वर्ग को समानता दिलाने के लिए जीवन भर कठिन संघर्ष किया। बाबा साहेब का संघर्ष सम्पूर्ण विश्व के लोगों के लिए एक मिसाल हैं। हम कभी भी बाबा साहब के त्याग और बलिदान को भुला नहीं सकते। हम सब भी उनके विचारों और क़िताबों को पढ़कर काबिल इंसान बन सकते हैं। राष्ट्र की तरक़्क़ी हेतु हमें डॉ बाबा साहब के राष्ट्रीवादी सामाजिक चिंतन एवं हर भारतीय के लिए राष्ट्र प्रथम जैसे महत्वपूर्ण विचारों की बहुत आवश्यकता हैं। आज हमें राष्ट्रहित में देश की तरक्की, उन्नति, विकास और आपसी एकता के लिए सामाजिक असमानता को दूर कर एक साथ मिकलर सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ना चाहिए और देश की उन्नति के लिए शिक्षा हर भारतीय के जीवन का महत्वपूर्ण आधार होना चाहिए।