श्रीलंका में हालात बेहद खराब, 4 महीने में चौथी बार इमरजेंसी, रानिल विक्रमसिंघे ने की घोषणा

श्रीलंका में हालात बेहद खराब, 4 महीने में चौथी बार इमरजेंसी, रानिल विक्रमसिंघे ने की घोषणा

श्रीलंका में हालात बेहद खराब

श्रीलंका में हालात बेहद खराब, 4 महीने में चौथी बार इमरजेंसी, रानिल विक्रमसिंघे ने की घोषणा

श्रीलंका (Sri Lanka) में जारी आर्थिक और राजनीतिक संकट कम होता नहीं दिख रहा है. गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफा देने के बाद प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया है. इस बीच विक्रमसिंघे ने पूरे देश में आपातकाल की घोषणा की है. श्रीलंका में पिछले कुछ महीनों से हालात खराब चल रहे हैं. देश में प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति (President) पद को समाप्त करके व्यवस्था में बदलाव लाने तक संघर्ष को जारी रखने की बात कह रहे हैं. पिछले दिनों श्रीलंका में प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति भवन में घुसे थे. इस दौरान पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) को देश से भागना पड़ा था. उन्होंने बाद में अपना इस्तीफा दिया था.

श्रीलंका के राष्ट्रपति के पास यह अधिकार होता है कि वह पब्लिक सेक्योरिटी ऑर्डनेंस के इमरजेंसी रेगुलेशंस पार्ट 2 को लागू कर सकता है. कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने इसी को लागू किया है. इसके तहत राष्ट्रपति को अधिकार होता है कि वह पुलिस को कानून व्यवस्था सुचारू बनाए रखने का आदेश दे सकते हैं. लेकिन अगर पुलिस इस कार्य में विफल रहती है तो राष्ट्रपति की ओर से सशस्त्र बलों को यह ताकत दी जा सकती है.

9 अप्रैल को शुरू हुआ था प्रदर्शन

श्रीलंका में सरकार के खिलाफ 9 अप्रैल को प्रदर्शन की शुरुआत हुई थी. राष्ट्रपति भवन के पास से शुरू हुआ यह प्रदर्शन लगातार जारी है. श्रीलंका के अलग-अलग हिस्सों में छिटपुट प्रदर्शन देखे जा रहे हैं. आंदोलनकर्ताओं का कहना है कि वे तब तक अपनी लड़ाई जारी रखेंगे, जब तक कि श्रीलंका में व्यवस्था के पूर्ण परिवर्तन के लक्ष्य को पूरा नहीं किया जाता. बता दें कि श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे पिछले हफ्ते देश छोड़कर मालदीव गए थे.

गोटबाया राजपक्षे मालदीव के बाद सिंगापुर पहुंचे थे. उन्होंने सिंगापुर पहुंचने के बाद पद से इस्तीफा दिया था. प्रदर्शनकारियों ने इस बात के संकेत दिए थे कि कार्यवाहक राष्ट्रपति विक्रमसिंघे उनके निशाने पर हैं और उन्हें पद से हटाने के लिए अभियान भी शुरू हो चुका है.