120 KM/H की रफ्तार, ट्रैक से अलग हुईं बोगियां; आधी रात को मच गई चीख पुकार

120 KM/H की रफ्तार, ट्रैक से अलग हुईं बोगियां; आधी रात को मच गई चीख पुकार

Buxar Train Accident

Buxar Train Accident

Buxar Train Accident: बिहार के बक्सर में रघुनाथपुर स्टेशन के समीप नॉर्थ ईस्ट ट्रेन (North East Express Derailed) दर्दनाक हादसे का शिकार हो गई. यहां ट्रेन की सभी बोगियां बेपटरी हो गईं. दो बोगियां पूरी तरह पलट गईं. हादसे में अधिकारिक तौर पर चार लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जिसमें एक मां और आठ साल की बच्ची शामिल है, जबकि दो अन्य युवकों की मौत हुई है.

23 कोच वाली 12506 नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस (North East Express) गुवाहाटी से लगभग छह किलोमीटर दूर कामाख्या जाने के लिए करीब 33 घंटे की यात्रा पर बुधवार सुबह 7:40 बजे दिल्ली के आनंद विहार टर्मिनल से रवाना हुई थी. उसी बीच बिहार के बक्सर (Buxar) के रघुनाथपुर स्टेशन के पास बुधवार रात हादसा हो गया. 

मृतकों की पहचान ऊषा भंडारी और उनकी आठ वर्षीय पुत्री अमृता कुमारी के रूप में हुई है, जो असम के तिनसुकिया जिले के सदियां गांव की रहने वाली थीं. ऊषा अपनी बेटी और पति के अलावा एक अन्य बच्ची के साथ दिल्ली से असम जा रही थीं.

तीसरे मृतक की पहचान बिहार के किशनगंज जिले के सपतेया विष्णुपुर के रहने वाले 27 वर्षीय जैद के रूप में हुई है. ये दिल्ली से किशनगंज जा रहे थे. वहीं चौथे मृतक की पहचान नहीं हो पाई है. मृतकों के अलावा 100 लोग जख्मी हुए हैं. इन सभी का इलाज बक्सर, भोजपुर और पटना एम्स में कराया जा रहा है.

एसी कोच में ज्यादातर लोग सो चुके थे, तभी लगा जोरदार झटका

मृतकों के परिजनों और प्रत्यक्षदर्शियों ने हादसे को बेहद भयावह बताया. उन्होंने कहा कि AC बोगी के सभी यात्री लगभग सो चुके थे या सोने की तैयारी में थे, तभी अचानक ट्रेन झटका देने लगी. सभी लोग अपने बर्थ से गिरने लगे. तकरीबन 10 से 15 मिनट तक ट्रेन में तेज झटके लगते रहे. जब तक किसी को कुछ समझ आता, तब तक ट्रेन की सारी 23 बोगियां बेपटरी हो चुकी थीं. दो बोगियां पलट गई थीं.

ट्रैक उखड़ गया था. कोई यात्री बर्थ के नीचे दबा था तो कोई खिड़की के नीचे तो कोई शौचालय में फंसा हुआ था. हादसा इतना जोरदार था कि आवाज एक किलोमीटर दूर तक सुनाई दी. इतनी भयावह आवाज सुनकर सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंच गए और लोगों की मदद में जुट गए.

'हम बर्थ के नीचे दबे थे, जैसे-तैसे बाहर निकले...' घायल की जुबानी

ट्रेन हादसे में जख्मी असम के अब्दुल मलिक ने बताया कि हम अपनी बर्थ के नीचे दबे थे. जैसे-तैसे बाहर निकले तो देखा की ट्रेन का एक्सीडेंट हो गया है. सभी बोगियां इधर-उधर पड़ी हैं. हमने देखा कि बहुत से आसपास के लोग मौके पर आ गए थे और लोगों की मदद कर रहे थे. बोगी में घुसकर, बाहर से शीशा तोड़कर यात्रियों को निकाल रहे थे.

हादसे को लेकर ट्रेन के गार्ड ने क्या बताया?

नार्थ ईस्ट 12505 ट्रेन के गार्ड विजय कुमार ने बताया कि हम तकरीबन 9 बजकर कुछ मिनट हो रहा था, अपनी सीट पर बैठकर कागजी कार्रवाई कर रहे थे, तब एकाएक झटका लगा और हम अपनी सीट से जा गिरे. कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि क्या हुआ है. ट्रेन की गति 100 किमी रही होगी. जब तक खड़े होते, तब तक ट्रेन दुर्घनाग्रस्त हो गई थी. हादसा कैसे हुआ, यह पूछने पर गार्ड ने कहा कि इसका जवाब सिर्फ ड्राइवर ही दे सकता है कि एक्सीडेंट कैसे हुआ.

'अचानक उठा धुएं का गुबार, एसी कोच सबसे ज्यादा प्रभावित हुए'

हरि पाठक नाम के स्थानीय निवासी ने कहा कि ट्रेन सामान्य गति से आ रही थी, लेकिन अचानक हमने एक तेज आवाज सुनी और ट्रेन से धुएं का गुबार उठने लगा. हम यह देखने के लिए दौड़े कि क्या हुआ है. हमने देखा कि ट्रेन पटरी से उतर गई थी और एसी कोच सबसे ज्यादा क्षतिग्रस्त थे.

हादसे के बाद मौके पर एंबुलेंस और डॉक्टर पहुंचे

पूर्व मध्य रेलवे जोन के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी बीरेंद्र कुमार ने बताया कि ट्रेन के बक्सर स्टेशन से रवाना होने के बाद यह दुर्घटना हुई. हादसा रघुनाथपुर स्टेशन के पास हुआ. घटना के तुरंत बाद राहत कार्य शुरू किया गया. हादसे के बाद एंबुलेंस और डॉक्टर घटनास्थल पर पहुंचे.

तेजस्वी यादव ने बक्सर और भोजपुर के अफसरों को दिए निर्देश

बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एक बयान जारी कर कहा कि आपदा प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग को अधिक से अधिक लोगों को राहत सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए. मैंने बक्सर और भोजपुर के जिलाधिकारियों से बात की है. उन्हें जल्द से जल्द घटनास्थल पर पहुंचने और राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं.

यात्रियों को लाने व ले जाने के लिए रेलवे ने की है वैकल्पिक व्यवस्था 

रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि पटरी से उतरी ट्रेन (north east express derailment) के यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है. यात्रियों को लाने-ले जाने के लिए पटना से एक स्क्रैच रेक भेजा गया था. स्क्रैच रेक एक अस्थायी रेक है, जिसका कॉन्फिगरेशन मूल ट्रेन के जैसा है. यात्रियों के लिए छह बसें भी भेजी गईं. दिल्ली और डिब्रूगढ़ के बीच राजधानी एक्सप्रेस सहित रूट पर चलने वाली कम से कम 18 ट्रेनों को डायवर्ट किया गया है.

रेल मंत्री ने कहा- घटना के कारणों की जांच की जा रही है

इस हादसे को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट कर हादसे को लेकर शोक संवेदना व्यक्त की. इसी के साथ उन्होंने कहा, 'पटरी से उतरने की मुख्य वजह क्या थी, जांच कर इसका पता लगाएंगे. मंत्री ने कहा कि बचाव अभियान पूरा हो गया है और सभी डिब्बों की जांच कर ली गई है. 

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