एमिटी यूनिवर्सिटी मोहाली और NIILM विश्वविद्यालय कैथल को UGC ने किया डिफॉल्टर घोषित

UGC 54 Private Universities Defaulter

UGC 54 Private Universities Defaulter

UGC 54 Private Universities Defaulter: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने राज्यों के 54 निजी विश्वविद्यालयों को डिफाल्टर घोषित कर दिया है. इन विश्वविद्यालयों को नोटिस इसलिए जारी किया गया क्योंकि उन्होंने अपनी वेबसाइट पर जरूरी जानकारी सार्वजनिक नहीं की. जानकारी न देने की वजह से छात्रों और अभिभावकों के लिए विश्वविद्यालयों के बारे में सही जानकारी पाना मुश्किल हो रहा था.

यूजीसी सचिव प्रोफेसर मनीष जोशी ने स्पष्ट किया कि छात्रों को दाखिले से पहले विश्वविद्यालय, कॉलेज या उच्च शिक्षा संस्थान की पूरी जानकारी होनी चाहिए. इसमें विश्वविद्यालय की मान्यता, कोर्स का नाम, पढ़ाई का माध्यम, मूल्यांकन प्रणाली, यूजी, पीजी और पीएचडी में छात्रों की संख्या, ऑफ-कैंपस प्लेसमेंट, ड्रॉपआउट रेट, शिक्षकों की योग्यता, स्पोर्ट्स सुविधाएं और आरक्षण जैसी जानकारियां शामिल हैं.

यूजीसी ने चेतावनी दी है कि अगर ये विश्वविद्यालय निर्देशों की अनदेखी करते हैं तो इसके खिलाफ और कठोर कार्रवाई की जा सकती है. अधिकारियों का कहना है कि उच्च शिक्षा नियामक पिछले कुछ महीनों में निजी विश्वविद्यालयों पर अपनी निगरानी और कड़ी कर रहा है. जुलाई में नियमों के उल्लंघन पर 23 अन्य संस्थानों को भी चेतावनी दी गई थी.

​ये है लिस्ट

उत्तर प्रदेश:

  • अग्रवन हेरिटेज विश्वविद्यालय, आगरा
  • FS विश्वविद्यालय, शिकोहाबाद
  • मेजर एसडी सिंह विश्वविद्यालय, भूलनपुर-चिरपुरा
  • मोनाड विश्वविद्यालय, कसमाबाद

उत्तराखंड:

  • माया देवी विश्वविद्यालय, देहरादून
  • माइंड पावर विश्वविद्यालय, नैनीताल
  • मंजीरा देवी विश्वविद्यालय, उत्तरकाशी
  • सूरजमल विश्वविद्यालय, उधम सिंह नगर

राजस्थान:

  • OPJS विश्वविद्यालय

पंजाब:

  • एमिटी यूनिवर्सिटी, मोहाली
  • NIILM विश्वविद्यालय, कैथल

छात्रों के लिए क्या मायने रखता है यह नोटिस

यूजीसी ने इन विश्वविद्यालयों को तुरंत सुधारात्मक कदम उठाने की चेतावनी दी है. अगर संस्थान जल्द ही जरूरी जानकारियां अपलोड नहीं करते हैं, तो आयोग इनके खिलाफ और सख्त कार्रवाई कर सकता है.

यह नोटिस उन छात्रों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है जो इन विश्वविद्यालयों में दाखिला लेने वाले हैं या पहले से पढ़ाई कर रहे हैं. विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर पूरी जानकारी न होना छात्रों के लिए फैसले में परेशानी का कारण बन सकता है. इसलिए छात्रों और अभिभावकों को सलाह दी जाती है कि वे दाखिले से पहले संस्थान की वेबसाइट पर सभी जानकारियां जरूर चेक करें.