researcher of tricolor flag: पिंगली वेंकैया तिरंगा झंडा के शोधकर्ता करता थे।

researcher of tricolor flag: पिंगली वेंकैया तिरंगा झंडा के शोधकर्ता करता थे।

researcher of tricolor flag: पिंगली वेंकैया तिरंगा झंडा के शोधकर्ता करता थे।

researcher of tricolor flag: पिंगली वेंकैया तिरंगा झंडा के शोधकर्ता करता थे।

( बोम्मा रेङ्ड्डी एस एन )

विजयवाड़ा  :: ( आंध्र प्रदेश ) researcher of tricolor flag: श्री पिंगली वेंकैया नहीं इस तिरंगे झंडे को अंतिम रूप दिया अशोक चक्र में 24 लकीरें होती है वह 24 घंटों का मार्गदर्शक था और एकजुटता का प्रतीक भी था इनका का जन्म आंध्र प्रदेश के समुद्री तट इलाका कृष्णा जिले के भाठलापेनुमरु में हुआ था
  जन्मस्थान में हुई प्राथमिक शिक्षा और मछलीपट्टनम में उच्च शिक्षा प्राप्त किया उच्च शिक्षा के लिए वे लाहौर भी गए वहां कई भाषाओं के उर्दू के विद्वान के रूप में देश लौटे और
  वे महान देशभक्त हैं जो 19 साल की उम्र में सेना में शामिल हुए और देश के लिए लड़े
  इसके बाद उन्होंने प्लेग इंस्पेक्टर के रूप में रेलवे गार्ड के रूप में काम किया
  वे तेलुगु, संस्कृत, हिंदी, उर्दू और जापानी भाषाओं के विद्वान हैं 
इनका उपनाम जापानी बैंकैया पत्ती वेंकैया से भी पुकारा जाता था जापानी भाषा के विद्वान थे जापानी पत्रिकाओं में भिन्न के लेख छप चुके थे

  22-7-1948 को महात्मा गांधी ने वेंकैया द्वारा डिजाइन किए गए "त्रिवर्ण पताका." त्रिवर्ण झंडा राष्ट्रीय झंडा आदि तिरंगा झंडा विजयी विश्वतिरंगा प्यारा     को मंजूरी दी, और विजयवाड़ा में "विक्टोरिया संग्रहालय" (अब बापू संग्रहालय) में "श्री कोंडा वेंकटप्पाय्या पंथुलु" द्वारा इसका अनावरण किया गया।
    उनके अंतिम दिन बहुत दुखद और कठिन थे
  अपने अंतिम क्षणों में, उन्हें अपने शरीर पर राष्ट्रीय ध्वज लपेटने और अंतिम तीर्थयात्रा के रूप में कृष्णा नदी तक ले जाने के लिए कहा गया, वहां ध्वज को हटाकर रावी वृक्ष पर फहराया गया, और फिर हस्ताक्षर के तहत इसका अंतिम संस्कार किया गया।  यही हुआ भी...
  दुर्भाग्य से "केंद्र सरकार" ने उन्हें किसी भी तरह से अब तक कोई मान्यता नहीं दी और उन्हें मनाने के लिए कुछ भी नहीं किया।
  आइए आज हम उन्हें उनकी 146वीं जयंती के अवसर पर अश्रीवली अर्पित करते हैं लेकिन आज इन पंक्तियों को लिखते थक यह खबर मिली है कि केंद्र सरकार अब इन को भारत रत्न देने की कोशिश कर रही है यह बात श्री जी किशन रेड्डी केंद्रीय मंत्री द्वारा विजयवाड़ा में बताया गया शुक्रिया केंद्र को अगर ऐसा हुआ तो बधाई

तिरंगा झंडे के अवश्य करता को नमन और उनका नाम अमर रहे हमेशा यह देश के नाम के साथ जुड़ा रहे