PGI contract workers' strike ends, demonstration begins in neighboring PU

पीजीआई ठेका कर्मियों की हड़ताल समाप्त, पड़ोसी पीयू में प्रदर्शन शुरू, देखें पूरा मामला...

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PGI contract workers' strike ends, demonstration begins in neighboring PU

चंडीगढ़। पीजीआई में जहां ठेका कर्मियों ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद अपनी हड़ताल वापस ले ली है, वहीं पर पीयू कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया है। जानकारी के अनुसार  पीजीआई चंडीगढ़ के ठेका कर्मियों ने शुक्रवार सुबह 6 बजे से साढ़े 10 बजे तक हड़ताल करने के बाद खत्म कर दी। पीजीआई प्रशासन ने यूनियन को हाईकोर्ट के आदेश के बारे में जानकारी दी जिसमें हड़ताल संबंधी नोटिस पर रोक लगाई गई थी। इसके बाद हड़ताली कर्मी काम पर लौट आए। वहीं पीजीआई ने कर्मचारियों को आश्वासन दिया है कि उनके खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की जाएगी। इसके साथ ही किसी भी कर्मचारी की एब्सेंट नहीं लगेगी। इसी के साथ लगते पंजाब यूनिवर्सिटी(पीयू) में कर्मियों ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। पीयू के नॉन टीचिंग स्टाफ फेडरेशन की ओर से हाथों में थाली-चम्मच लेकर प्रदर्शन किया गया। कर्मचारी छठा पे कमीशन लागू करने की मांग कर रहे हैं। कर्मचारी यूनियन ने वीसी के घर तक यह प्रदर्शन किया। वहीं सुरक्षा के लिहाज से यहां पुलिस भी तैनात रही।

फेडरेशन के प्रेसिडेंट हनी ठाकुर ने कहा कि पंजाब समेत लगभग सभी राज्यों और यूटी में छठा पे कमीशन लागू किया जा चुका है। पंजाब युनिवर्सिटी ने अभी तक छठा पे कमीशन लागू नहीं किया है। पीयू इसके पीछे फंड की कमी की बात कर रही है। कर्मियों ने कहा कि पैसा लाना उनका काम नहीं है। यह वीसी और एफडीओ को देखना चाहिए। वीसी को पे कमीशन के लिए लिख कर भी दिया गया है। इसके बावजूद उनकी मांगों को नहीं माना जा रहा।

कर्मचारियों ने लगाया भेदभाव का आरोप

कर्मचारियों ने कहा कि उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। कर्मचारी नेताओं ने चेतावनी दी है कि 27 मार्च को सीनेट की बैठक का घेराव किया जा रहा है। उनकी मांगों के न माने जाने से इन्हें परेशानी झेलनी पड़ सकती है। मांगें न मानी गईं तो नॉन टीचिंग स्टाफ का कोई भी कर्मी काम नहीं करेगा।

बढ़ती महंगाई में जायज हक मिलना जरूरी

कर्मियों ने कहा कि पे कमीशन लगने से उनके वेतन में 2500 से 4 हजार रुपए तक का ही फर्क पड़ेगा। यह हक भी उन्हें नहीं दिया जा रहा। कहा गया कि महंगाई बढ़ी है। ऐसे में पे कमीशन की जरूरत है।  गौरतलब है कि सुरक्षा व्यवस्था के लिहाज से पीजीआई में जवान भी यहां तैनात किए गए थे। पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों से सैकड़ों मरीज आज ओपीडी के बाहर आए मगर ओपीडी बंद होने के कारण उन्हें बाहर घंटों इंतजार करना पड़ा। वहीं अपॉइंटमेंट लेकर आए मरीज भी परेशान हुए। उन्होंने ओपीडी के बाहर जमकर रोष भी व्यक्त किया इस दौरान पीजीआई के सुरक्षाकर्मियों के साथ उनकी खूब बहस भी हुई। जिसके बाद पीजीआई में बीएसएफ के जवानों ने मोर्चा संभाला। न्यू ओपीडी के बाहर बीएसएफ के जवान भीड़ को नियंत्रित करते हुए नजर आए। यहां बीएसएफ के आधा दर्जन जवान तैनात किए गए थे। सुबह करीब 10.45 बजे मरीजों को ओपीडी में जाने दिया गया।

इससे पहले सुबह पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशों के बावजूद चंडीगढ़ पीजीआई के ठेका कर्मी आज हड़ताल पर चले गए थे। पीजीआई में उन्होंने अपनी लंबित मांगों को लेकर जमकर नारेबाजी की। इससे पहले हाईकोर्ट ने गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान पीजीआई कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन की हड़ताल वाले नोटिस पर रोक लगा दी थी।

पीजीआई ने जनहित में यूनियन के इस कदम के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने यह भी आदेश दिए थे कि यूनियन किसी भी तरह से संस्थान की फंक्शनिंग में रुकावट पैदा नहीं करेगी। चीफ जस्टिस रवि शंकर झा और जस्टिस अरुण पल्ली की डबल बैंच ने यह आदेश जारी करते हुए उनके स्ट्राइक पर जाने वाले नोटिस पर रोक लगा दी थी।

इसके बावजूद कर्मी हड़ताल पर चले गए थे। 31 मार्च के लिए मामले में सुनवाई रखी गई थी। पीजीआई ने यूनियन के 23 मार्च वाले स्ट्राइक नोटिस को रद्द करने की मांग की थी। इसमें 25 मार्च को एक दिन की स्ट्राइक की घोषणा की गई थी। हाईकोर्ट में पहले से ही दो जनहित याचिकाएं लंबित हैं, जिनमें हाईकोर्ट पीजीआई कर्मचारी यूनियन के स्ट्राइक करने पर रोक लगा चुका है।

पीजीआई ने अन्य राज्यों से मरीज न भेजने को कहा था

बीते रोज पीजीआई प्रशासन ने अन्य राज्यों से पहले ही प्रार्थना की थी कि वहां के अस्पताल रेफर केस 25 मार्च को पीजीआई न भेजें। पीजीआई में आज के लिए सभी ओपीडी बंद रखने का फैसला किया गया था। अब हड़ताल वापस लेने से सेवाएं पहले की तरह खोल दी गई हैं।