नवी मुंबई एयरपोर्ट का 8 अक्टूबर को PM मोदी करेंगे उद्घाटन, कब शुरू होंगी कमर्शियल फ्लाइट?
Navi Mumbai International Airport
मुंबई: Navi Mumbai International Airport: नवी मुबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट जल्द लोगों को समर्पित किया जाएगा. इसे एशिया के सबसे एवडवांस एयरपोर्ट में से एक माना जा रहा है. चर्चा है कि पीएम मोदी इसका उद्घाटन 8 अक्टूबर को करेंगे. वहीं इस एयरपोर्ट का नाम रखने पर भी विचार विमर्श जारी है.
नवी मुबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट देश का सबसे एडवांस एयरपोर्ट
नवी मुबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट देश का सबसे एडवांस और पर्यावरण के अनुकूल बताया जा रहा है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने एएनआई को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 अक्टूबर, 2025 को नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (एनएमआईए) का उद्घाटन करेंगे. यह हवाई अड्डा मुंबई को लंदन, न्यूयॉर्क और टोक्यो के साथ दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित जुड़वां हवाईअड्डा शहरों में शामिल करेगा. इससे भारत की वैश्विक विमानन प्रतिष्ठा को एक बड़ा बढ़ावा मिलेगा.
1160 हेक्टेयर में फैला है एयरपोर्ट
1160 हेक्टेयर में फैले एनएमआईए ( NMIA) का विकास अडाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स (74%) और सिडको (26%) के बीच सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत किया जा रहा है. कमल से प्रेरित इसका डिजाइन भारतीय विरासत को अत्याधुनिक टिकाऊ इंजीनियरिंग के साथ जोड़ता है. इसे एशिया के सबसे उन्नत हवाई अड्डों में से एक बनाता है.
पहले चरण में एक रनवे और टर्मिनल
पहले चरण में एक रनवे और टर्मिनल के जरिए सालाना 2 करोड़ यात्रियों की आवाजाही होगी. पूरी क्षमता पर एनएमआईए में चार टर्मिनल और दो रनवे होंगे. इससे मुंबई और सीएसएमआईए की संयुक्त क्षमता बढ़कर 15.5 करोड़ यात्री प्रति वर्ष हो जाएगी. यह हवाई अड्डा एक प्रमुख कार्गो केंद्र भी बनेगा. इसकी सालाना क्षमता 5 लाख टन से बढ़कर 32 लाख टन हो जाएगी. ये पूरी तरह से ऑटोमैटिक एआई-सक्षम टर्मिनल होगा.
इससे 2 लाख से अधिक रोजगार सृजित होने की उम्मीद
इस परियोजना से विमानन, लॉजिस्टिक्स, आईटी, आतिथ्य और रियल एस्टेट क्षेत्र में 2 लाख से अधिक रोजगार सृजित होने की उम्मीद है. साथ ही इसमें नवीकरणीय ऊर्जा, वर्षा जल संचयन और निष्क्रिय शीतलन जैसी स्थायी सुविधाएं भी शामिल होंगी. डीजीसीए ने एक अक्टूबर को इसके हवाई अड्डे का लाइसेंस प्रदान किया था.
चालू हवाई अड्डों की संख्या 2025 में बढ़कर 163 हो गई
भारत का विमानन क्षेत्र अभूतपूर्व वृद्धि देख रहा है. 2014 में चालू हवाई अड्डों की संख्या 74 से बढ़कर 2025 में 163 हो गई है और 2047 तक 400 से अधिक हवाई अड्डों का लक्ष्य है. 2030 तक यात्री यातायात दोगुना होकर 50 करोड़ हो जाने का अनुमान है जबकि माल ढुलाई की मात्रा तिगुनी होकर 1 करोड़ टन होने की उम्मीद है. इससे भारत एक वैश्विक विमानन केंद्र के रूप में स्थापित होगा.
अंतरराष्ट्रीय साख में इजाफा
अपनी अंतरराष्ट्रीय साख में इजाफा करते हुए भारत को अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) परिषद में पुनः निर्वाचित किया गया. साथ ही 2022 की तुलना में अधिक मत प्राप्त हुए. 1944 से एक संस्थापक सदस्य के रूप में भारत ने 81 वर्षों से अपनी अटूट उपस्थिति बनाए रखी है. इसके अलावा वैश्विक विमानन सुरक्षा, संरक्षा, स्थिरता और समावेशी विकास को आकार देने में अग्रणी भूमिका निभाई है.
नागरिक उड्डयन सचिव ने सभा में भारत का प्रतिनिधित्व किया तथा अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन में देश के नेतृत्व पर प्रकाश डाला. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भारत के विमानन क्षेत्र में परिवर्तनकारी विकास और नवाचार के युग की शुरुआत की है.
अभूतपूर्व विधायी सुधारों, व्यापक बुनियादी ढांचे के विस्तार और कनेक्टिविटी, सुरक्षा और स्थिरता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता से प्रेरित होकर मंत्रालय ने ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की है. इससे भारत दुनिया के अग्रणी विमानन बाजारों में शामिल हो गया है.