बैंक से लोन है तो खबर आपके लिए; RBI ने फिर कम किया Repo Rate, लगातार तीसरी बार अब इतनी कटौती, पढ़िए खबर

RBI cuts Repo Rate By 50bps

RBI cuts Repo Rate By 50bps Governor Sanjay Malhotra anounced

RBI cuts Repo Rate: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने शुक्रवार सुबह लगातार तीसरी बार रेपो रेट (ब्याज दर) में कटौती की घोषणा की। आरबीआई के इस फैसले से देश के करोड़ों लोगों (खासकर मध्यम वर्ग) को बड़ी राहत मिलने वाली है। आरबीआई की तरफ से अब रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट (0.50 प्रतिशत) की बड़ी कटौती की गई है।

बता दें कि, इससे पहले फरवरी में हुई एमपीसी बैठक में आरबीआई ने रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती का फैसला किया था। जबकि इससे पहले अप्रैल में आरबीआई की ओर से 5 साल बाद रेपो रेट (ब्याज दर) में इतनी ही कटौती की गई थी। यानि आरबीआई ने रेपो रेट 0.25 प्रतिशत कम किया था। तब उस समय रेपो 6.50% से 6.25% हो गया था। इसके बाद फरवरी में यह घटकर 6.0% हो गया।

अब रेपो रेट घटकर 5.50% हुआ

वहीं अब की कटौती के बाद रेपो रेट घटकर 5.50% हो गया है। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि, मौद्रिक नीति समिति (MPC) बैठक में सर्वसम्मति से रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती करके इसे 6.0% से 5.50% करने का फैसला लिया गया है। इस बीच रिवर्स रेपो रेट को उसके पुराने स्तर 3.35 फीसदी पर ही बरकरार रखा गया है। मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग 3 दिनों तक चली।

वहीं आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ​ने बताया कि इस वर्ष 2025-2026 के लिए वास्तविक GDP वृद्धि दर 6.5% रहने का अनुमान है, जो हमारे पहले के पूर्वानुमान के अनुसार जारी रहेगी, जिसमें पहली तिमाही 6.5%, दूसरी तिमाही 6.7%, तीसरी तिमाही 6.6% और चौथी तिमाही 6.4% रहेगी। जोखिम समान रूप से संतुलित हैं।

मालूम रहे कि, आरबीआई मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक हर 2 महीने में एक बार होती है। बैठक में लोन ब्याज दर, महंगाई समेत अन्य वित्तीय मामलों की समीक्षा की जाती है और इस कड़ी में बदलाव के संबंध में कुछ अहम फैसले भी लिए जाते हैं। मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग RBI गवर्नर के नेतृत्व में होती है।

बैंक कर्ज होगा सस्ता, EMI घटेगी

आरबीआई की ओर से रेपो रेट (ब्याज दर) में कमी करने से आने वाले दिनों में बैंक से मिलने वाला कर्ज सस्ता होगा। इसके साथ ही आपकी मौजूदा लोन EMI भी घट जाएगी। यानि अगर आपने बैंक से लोन ले रखा है और उस लोन की EMI महीने में भर रहे हैं तो उस EMI पर भी आपको बड़ी राहत मिलेगी। महीने में जाने वाली आपकी EMI सस्ती हो जाएगी। वहीं साथ ही बैंक होम लोन और कार लोन समेत तमाम लोन पर ब्याज दर भी सस्ती होने वाली है।

क्या होता है रेपो रेट?

आरबीआई जब बैंकों को कर्ज देता है तो रेपो रेट (RBI Repo Rate) के हिसाब से उस कर्ज पर ब्याज लेता है। वहीं जब बैंकों को आरबीआई से कर्ज महंगा पड़ता है तो वह आगे ग्राहकों को भी कर्ज महंगा देती हैं। इसलिए रेपो रेट कम होने से मतलब है कि बैंक से मिलने वाला लोन सस्ता हो जाता है और अगर बढ़ोत्तरी हो जाती है तो आपका लोन महंगा हो जाता है।

जैसे अगर अभी आरबीआई की तरफ से रेपो रेट में बढ़ोतरी कर दी जाती तो आपकी लोन EMI पर महंगाई का बोझ बढ़ जाता। यानि आपको महीने में फिर ज्यादा ईएमआई भरनी होती। जिससे आप बच गए। हालांकि, रेपो रेट में बढ़ोतरी का उन ग्राहकों को फायदा होता है जिन्होंने एफडी (FD) करा रखी है। उनकी एफडी पर ब्याज बढ़ जाता है।

रिवर्स रेपो रेट क्या होता है?

जब बैंकें अपना पैसा आरबीआई में जमा करती हैं तो आरबीआई बैंकों को रिवर्स रेपो रेट (RBI Reverse Repo Rate) के हिसाब से उस पैसे पर ब्याज देता है। बाजार में जब भी बहुत ज्यादा नकदी दिखाई देती है, आरबीआई रिवर्स रेपो रेट बढ़ा देता है, ताकि बैंक ज्यादा ब्याज कमाने के लिए अपनी रकम उसके पास जमा करा दें।