मानवता की सेवा में समर्पित युगपुरुष थे श्रीपदम गुरुदेव : डॉ वरुणमुनिजी

Sripadam Gurudev was a Great Man

Sripadam Gurudev was a Great Man

गुरु पदम् पुण्य स्मृति दिवस भव्य रूप से सानंद सम्पन्न हुआ हीरा बाग स्थानक में

वर्षीतप के तपस्वियों का माल्यार्पण कर, रजत मुद्रा द्वारा किया अभिनंदन

बेंगलूरु। Sripadam Gurudev was a Great Man: राष्ट्रसंत, उत्तर भारतीय प्रवर्तक परम पूज्य दादा गुरुदेव भंडारीश्री पदम चन्द्रजी महाराज साहब की पावन पुण्यतिथि जैन स्थानक हीराबाग के प्रांगण में श्रमण संघीय उप प्रवर्तक श्री पंकजमुनि जी महाराज साहब के पावन सान्निध्य में एवं श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ हीरा बाग के तत्वावधान में भव्यातिभव्य रूप से आयोजित की गई।   

इस अवसर पर आयोजित धर्म सभा को संबोधित करते हुए दक्षिण सूर्य डॉ श्री वरुणमुनिजी महाराज साहब ने कहा कि पूज्य दादा गुरुदेव भंडारी श्री पदमचन्द्रजी महाराज साहब का जीवन पदम के समान निर्लिप्त एवं चंद्र के समान शीतल था। उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए पूज्य गुरुदेव ने फरमाया कि वे सेवा, स्वाध्याय एवं साधना के जीवंत प्रतिमान थे। आचार्यश्री आत्मारामजी महाराज साहब ने उन्हें अपने ज्ञान के भंडार का 'भंडारी' घोषित किया था, आचार्यश्री आनंद ऋषि जी महाराज साहब ने आपको 'उत्तर भारतीय प्रवर्तक' पद से सुशोभित किया था, आचार्य भगवनश्री देवेन्द्रमुनिजी महाराज साहब ने आपश्रीजी को 'महास्थविर' के पद से विभूषित किया था एवं वर्तमान आचार्य सम्राट ध्यान योगी परम पूज्य डॉ. श्री शिवमुनिजी महाराज साहब को तो दीक्षा पाठ ही आपश्री जी ने अपने श्रीमुख से पढाया है। ऐसे चार-चार आचार्य भगवंतों के शासनकाल में आपने अपनी सेवाएं अर्पित की हैं। 

उन्होंने बताया कि आपने अपने प्रधान शिष्य उत्तर भारतीय प्रवर्तक, श्रुताचार्य, साहित्य सम्राट, वाणी भूषण परम पूज्यश्री अमर मुनि जी महाराज को जैन आगमों के प्राकृत, हिंदी, इंग्लिश एवं सचित्र प्रकाशन के लिए विशेष प्रेरणा प्रदान की। आपके ही श्रीमुख से 108 मुमुक्षु आत्माओं की दीक्षाएं संपन्न हुई तथा दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान सहित उत्तर भारत में सैंकड़ों संस्थाओं की स्थापना आपके पावन उपदेशों से संभव हुई, जो आज भी मानवता की सेवा में समर्पित हैं। ऐसे महान युग पुरुष जिनकी प्रेरणा से लाखों-करोड़ों लोगों का जीवन धर्म से जुड़ा, उन्होंने व्यसन मुक्ति का संदेश प्रदान किया और हजारों, लाखों लोगों को, जिन्होंने अज्ञान अंधकार से ज्ञान के प्रकाश की ओर बढ़ाया। ऐसे युग पुरुष सदगुरुदेव के पावन श्रीचरणों में हम अपने श्रद्धा-पुष्प अर्पित करते हैं। धर्म सभा का शुभारंभ मुनिरत्नश्री रुपेशमुनिजी महाराज साहब के मंगलाचरण से हुआ, इसी के साथ उन्होंने गुरु पदम आरती का भी गायन किया, जिससे पूरा माहौल भक्तिमय हो गया। श्रीसंघ के अध्यक्ष डॉ भीकमचंद सकलेचा, महामंत्री अशोक बांठिया एवं महिला मंडल अध्यक्ष श्रीमती मधु समदडिया तथा श्रीसंघ के प्रमुख पदाधिकारीगणों ने वर्षीतप के तपस्वियों का माला अर्पण कर, रजत मुद्रा द्वारा अभिनंदन किया। इस अवसर पर स्थानक भवन में सेवा प्रदान करने वाले अनेक श्रद्धावान भाई-बहनों का भी बहुमान किया गया और उन्हें सम्मान राशि व वस्त्र भेंट किए गए। कोषाध्यक्ष धनराज रायसोनी एवं सोनी परिवार की ओर से गुरु प्रसादी का भव्य आयोजन किया गया। जिसमें प्रवचन सभा में आए हुए गुरु भक्तों के साथ-साथ सैंकड़ों श्रद्धालुजनों ने प्रसाद ग्रहण किया। प्रवचन सभा से पूर्व प्रात: 9 से 10 बजे तक श्रमण संघीय उप प्रवर्तक भोलेबाबा पूज्य श्री पंकजमुनिजी महाराज साहब की पावन निश्रा में नवकार महामंत्र का सामूहिक जप अनुष्ठान सानंद संपन्न हुआ। इस अवसर पर धर्म सभा में राजाजी नगर, सेवा नगर, सुले एवं बेंगलूरु के अन्य अनेक स्थानों से गुरु भक्त उपस्थित थे। गौतमचंद ओस्तवाल मुख्य संपादक मोक्ष द्वार पत्रिका की भी गरिमामय उपस्थिति रही। जैन समाज के प्रसिद्ध संगीतकार युवा रत्न भाई दिलखुश ने भी आखातीज एवं पूज्य पदम गुरुदेव के श्रीचरणों में भक्ति गीत के द्वारा अपनी पुष्पांजलि अर्पित की। महामंत्री अशोक कुमार बांठिया ने आए हुए अतिथियों का श्रीसंघ की ओर से स्वागत किया एवं पूज्य गुरु भगवंत को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। समारोह के उपरांत परम पूज्य भोलेबाबा के मंगल पाठ के द्वारा सभी को शुभ आशीर्वाद प्रदान किया गया। विशेष उल्लेखनीय है कि शनिवार से प्रतिदिन नियमित प्रवचन जैन स्थानक हीरा बाग में प्रातः 9:30 से 10:30 बजे तक आयोजित होंगे, जिसमें सभी श्रद्धालु भाई-बहन पहुंचकर जिनवाणी का एवं गुरु दर्शनों का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।