Former captain of Indian cricket team Bishan Singh Bedi passes away

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी का निधन

Former captain of Indian cricket team Bishan Singh Bedi passes away

Former captain of Indian cricket team Bishan Singh Bedi passes away

Former captain of Indian cricket team Bishan Singh Bedi passes away-नई दिल्ली। 1970 के दशक में भारतीय स्पिन गेंदबाजी स्टार बिशन सिंह बेदी अब नहीं रहे। 77 साल की उम्र में पूर्व भारतीय दिग्गज स्पिनर बिशन सिंह बेदी का सोमवार (23 अक्टूबर) को निधन हो गया।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर बीसीसीआई ने यह जानकारी दी।

बीसीसीआई ने लिखा, "भारत के पूर्व टेस्ट कप्तान और महान स्पिनर बिशन सिंह बेदी अब नहीं रहे। इस कठिन समय में हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं। उनकी आत्मा को शांति मिले।"

1970 के दशक में अपनी घूमती गेंदों से बल्लेबाजों को खूब छकाने वाले पूर्व भारतीय कप्तान बिशन सिंह बेदी ने 77 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। उनका इंटरनेशनल करियर 12 साल का रहा और उन्होंने कई मैचों में भारत को यादगार जीत दिलाई।

बेदी ने 1967 से 1979 के बीच भारत के लिए 67 टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने बल्ले से 656 रन बनाने के अलावा 28.71 की औसत से 266 विकेट लिए।

बेदी, जिन्हें क्रिकेट के महानतम बाएं हाथ के स्पिनरों में से एक माना जाता है। इरापल्ली प्रसन्ना, बी.एस. के साथ प्रसिद्ध भारतीय स्पिन चौकड़ी का हिस्सा थे। चन्द्रशेखर और एस. वेंकटराघवन ने 1970 के दशक में भारत को घरेलू और विदेशी दोनों परिस्थितियों में कई मैच जिताए।

उन्होंने 22 टेस्ट मैचों में भारत की कप्तानी करने के अलावा, 10 वनडे मैचों में सात विकेट भी लिए। 1977-78 के ऑस्ट्रेलिया दौरे में मेलबर्न और सिडनी टेस्ट में उनकी सबसे यादगार जीत थी।

पंजाब के अमृतसर में जन्मे बेदी ने 1966 में भारत में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करने के बाद, 1968-69 सीजऩ में दिल्ली जाने से पहले, उत्तरी पंजाब के साथ अपना प्रथम श्रेणी करियर शुरू किया।

उनकी बाएं हाथ की स्पिन गेंदबाजी में महारत के लिए जाना जाता था। उनके पास फ्लाइट, लूप और स्पिन के साथ-साथ क्रीज पर बल्लेबाजों को मात देने के लिए कई तकनीक थी।

बेदी ने 1979-80 में उपविजेता रहने के अलावा, 1978-79 में दिल्ली को प्रतिष्ठित रणजी ट्रॉफी खिताब भी दिलाया। इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट में नॉर्थहैम्पटनशायर के लिए भी उनका कार्यकाल सफल रहा।

1972 और 1977 के बीच क्लब के लिए 102 मैचों में बेदी ने 20.89 के औसत के साथ 434 विकेट हासिल किए, जो इंग्लिश काउंटी क्रिकेट सर्किट में किसी भारतीय द्वारा सबसे अधिक है।

करियर के बाद, बेदी ने युवा क्रिकेटरों को कोचिंग देना शुरू कर दिया, जिसमें मनिंदर सिंह और मुरली कार्तिक उनके छात्र थे, जिन्होंने भारत के लिए खेला था। इतना ही नहीं उन्होंने घरेलू क्रिकेट में पंजाब, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर टीमों को भी कोचिंग दी, जिसमें पंजाब ने 1992-93 में रणजी ट्रॉफी जीती।

वह 1990 में कुछ समय के लिए भारतीय टीम के मैनेजर थे। वह खेल से जुड़े सभी मामलों पर एक निडर आवाज थे। अपने खेल के दिनों के दौरान और उसके बाद भी वह हर मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रखते थे।

साथ ही बेदी को उनकी बुद्धिमत्ता, ज्ञान और खेल के प्रति असीम प्रेम के लिए सम्मानित किया जाता था। उन्हें 1969 में अर्जुन पुरस्कार, 1970 में पद्म श्री और 2004 में सीके. नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

पिछले कुछ समय से बेदी अस्वस्थ थे और उन्हें कई सर्जरी से गुजरना पड़ा, जिसमें एक घुटने की सर्जरी भी शामिल थी जो इस साल सितंबर के अंत में हुई थी। उनके परिवार में उनकी पत्नी अंजू और दो बच्चे हैं, जिनमें एक बेटी नेहा है और उनके बेटे फिल्म एक्टर अंगद हैं।

महान स्पिनर बिशन सिंह बेदी के निधन पर देश में शोक

भारत के पूर्व क्रिकेट कप्तान और महान स्पिनर बिशन सिंह बेदी का सोमवार को 77 वर्ष की आयु में निधन हो गया। देश के हर कोने से भारतीय क्रिकेट के दिग्गज के लिए श्रद्धांजलि आनी शुरू हो गई है।

महान स्पिनर ने 1967 और 1979 के बीच भारत के लिए 67 टेस्ट खेले और 266 विकेट लिए। उन्होंने 10 एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैचों में सात विकेट भी लिए।

घरेलू क्रिकेट में दिल्ली का प्रतिनिधित्व करने वाले बेदी ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में भारतीय खिलाडय़िों के बीच सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज होने की उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की, जिन्होंने 370 मैचों में 1,560 विकेट हासिल किए।

1975 के विश्व कप के दौरान बेदी पूर्वी अफ्रीका के खिलाफ 12-8-6-1 के आंकड़े के साथ लौटे, जो 60 ओवर के वनडे मैचों में सबसे किफायती स्पैल था।

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से लेकर उनके अधिकारियों, पूर्व क्रिकेटरों से लेकर राजनेताओं तक ने पूर्व क्रिकेटर के निधन पर शोक व्यक्त किया।

बीसीसीआई ने एक्स पर पोस्ट किया, "बीसीसीआई भारत के पूर्व टेस्ट कप्तान और महान स्पिनर बिशन सिंह बेदी के निधन पर शोक व्यक्त करता है। इस कठिन समय में हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं। उनकी आत्मा को शांति मिले।"

बीसीसीआई सचिव जय शाह ने कहा, "बिशन सिंह बेदी के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ। भारतीय क्रिकेट ने आज एक आइकन खो दिया है। बेदी सर ने क्रिकेट के एक युग को परिभाषित किया और उन्होंने एक स्पिन गेंदबाज के रूप में अपनी कलात्मकता से खेल पर एक खास छाप छोड़ी। इस कठिन समय में मेरी प्रार्थनाएं उनके परिवार और प्रियजनों के साथ हैं।"

केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, "भारत के महान स्पिनर बिशन सिंह बेदी के निधन के बारे में सुनकर गहरा दुख हुआ। भारतीय क्रिकेट में उनके योगदान और मैदान पर उनकी कलात्मकता को हमेशा याद किया जाएगा। उनके परिवार, दोस्तों और पूरे क्रिकेट समुदाय के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। उनकी आत्मा को शांति मिले।"

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी महान स्पिनर के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा, "महान स्पिनर और भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी जी के निधन से गहरा दुख हुआ।

वो हमेशा लोगों के जेहन में रहेंगे, जिन्होंने न केवल क्रिकेट की दुनिया में उनका योगदान, बल्कि कुशल गेंदबाजी के उस्ताद के रूप में भी जो पिच पर जादू बिखेर सकते थे। दुख की इस घड़ी में उनके परिवार के सदस्यों और उनके प्रशंसकों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना।"

भारत के पूर्व स्पिन मास्टर हरभजन सिंह, दिनेश कार्तिक, इरफान पठान तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज समेत कई क्रिकेटरों ने भी अपनी संवेदना व्यक्त की।

बेदी आने वाली पीढय़िों को प्रेरित केरेंगे - पीएम मोदी

पीएम नरेंद्र मोदी ने बेदी के निधन पर ट्वीट किया। मोदी ने लिखा कि, बिशन सिंह बेदी के निधन की खबर दुखद है। क्रिकेट के लिए उनका जुनून और भारतीय क्रिकेट में उनका योगदान अहम हैं। बेदी आने वाली आने वाली पीढय़िों को भी लगातार प्रेरित करते रहेंगे।