हरियाणा में कपास की फसल पर कॉटन लीफ कर्ल वायरस का हमला

हरियाणा में कपास की फसल पर कॉटन लीफ कर्ल वायरस का हमला

हरियाणा में कपास की फसल पर कॉटन लीफ कर्ल वायरस का हमला

हरियाणा में कपास की फसल पर कॉटन लीफ कर्ल वायरस का हमला

गुजरात के घटिया बीज से हरियाणा में कपास की फसल हुई बर्बाद
बीजी 4 कपास बीज से सिरसा, हिसार, फतेहाबाद, जींद में फसल प्रभावित
कई जगह गुलाबी सुंडी ने भी दिखाया असर

चंडीगढ़। हरियाणा के पास उत्पादक किसानों में मायूसी छाई हुई है। गुजरात से लाए गए घटिया बीज का इस्तेमाल कर ठगा सा महसूस कर रहे हैं। न तो उनकी फसल को गुलाबी सुंडी से बचाया जा सका और न ही पैदावार वादे के अनुरूप हुई है। कपास के गुजरात बीजी 4 बीज को किसी भी अन्य किस्म की तुलना में अधिक पैदावार देने और गुलाबी सुंडी को नियंत्रित करने के वादे के साथ हरियाणा में बेचा गया था, लेकिन सब कुछ उल्टा हो गया। इस बीज ने न केवल कॉटन लीफ कर्ल वायरस को बढ़ा दिया है, बल्कि इससे किसानों को भारी नुकसान भी हुआ है। 

प्रदेश में सिरसा, फतेहाबाद, हिसार तथा जींद आदि जिले अधिक प्रभावित हुए हैं। सिरसा जिले के गांव हैबुआना के बलवंत सिंह के अनुसार गुजरात के घटिया बीज को ऊंचे दाम पर यह कह कर बेचा गया था कि यह बीज कपास की फसलों को गुलाबी सुंडी से बचाएगा। अधिक पैदावार और कोई संक्रमण नहीं होने के वादे के झांसे में आकर किसानों ने प्रतिष्ठित ब्रांडों की जगह गुजरात के घटिया कपास बीज का इस्तेमाल किया और अब फंस गये हैं। किसानों को ठगे जाने का एहसास तब हुआ जब फसल पकने को आई।.

फतेहाबाद के गांव सरवरपुर के किसान कृष्ण कुमार के अनुसार उन्होंने अपने खेतों में दो तरह की वैरायटी लगाई थी। गुजरात के बीजी-4 में कई बार स्प्रे करने के बावजूद पत्ता नहीं खुला है और अब गुलाबी सुंडी भी हमला कर रही है। जींद जिला के गांव दुर्जनपुर के किसान सोनू के अनुसार बीजी-4 में कई कई स्प्रे के बावजूद पौधे में खिलाव नहीं आ पाया है। हिसार जिला के गांव बुढ्ढा खेड़ा के किसान सुखविंदर भी गुजराती कंपनी के झांसे में आकर बर्बाद हो गए हैं। उनका कहना है कि इस बीज ने किसानों को लाभ देने की बजाए खर्च में कई गुणा अधिक की वृद्धि कर दी है। प्रभावित किसानों के अनुसार बीजी-4 को बेचने वाले एजेंट अब उन्हें कहीं नहीं मिल रहे हैं। इस कंपनी ने यहां कई तरह के प्रलोभन देकर कपास का बीज दिया और अब मार्केट से गायब हो गए।

इस बारे में अभी तक किसी प्रकार की लिखित शिकायत किसानों की तरफ से नहीं दी गई है। किसी प्रकार के बीज, खाद आदि को बेचने के लिए बकायदा एक्ट बना हुआ है। अगर कोई किसान लिखित में शिकायत देगा तो विभाग द्वारा अवश्य कार्रवाई की जाएगी। किसानों को भी चाहिए कि वह किसी तरह के प्रलोभन में आने की बजाए बीज निर्माता कंपनी के दस्तावेजों की जांच के बाद ही बीज खरीदें।
हरदीप सिंह
निदेशक कृषि एवं किसान कल्याण विभाग हरियाणा।