आपातकाल को याद दिलाना जरूरी है – ताकि लोकतंत्र फिर न रोए - नरेश अरोड़ा

It is important to remind about the Emergency
It is important to remind about the Emergency: भाजपा प्रदेश प्रवक्ता नरेश अरोड़ा में कहा कि कांग्रेस नेता मनीष बंसल और आम आदमी पार्टी व कांग्रेस के कुछ पार्षदों द्वारा आपातकाल के स्मृति कार्यक्रम का विरोध अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और लोकतंत्र की पीड़ा का उपहास है।
भारतीय जनता पार्टी इस विरोध की कड़ी निंदा करती है।
25 जून 1975 को लगा आपातकाल भारतीय लोकतंत्र की आत्मा पर किया गया सबसे क्रूर प्रहार था। यह वह दौर था जब लाखों निर्दोष नागरिकों को बिना अपराध जेलों में ठूंस दिया गया, प्रेस की स्वतंत्रता कुचली गई, और आम जनमानस की आवाज़ को बंदूक की नोक पर चुप करा दिया गया।
आज जब हम उस पीड़ा को याद कर रहे हैं, तो यह कोई राजनीतिक मंच नहीं – यह उन असंख्य परिवारों की आत्मा की पुकार है, जिनके सपनों को कुचल दिया गया था।
जो नेता इन कार्यक्रमों का विरोध कर रहे हैं, शायद उन्होंने वो आँसू, वो चीखें, और वो अंधकार कभी महसूस नहीं किया।
यह स्मरण किसी पार्टी विशेष के विरोध में नहीं, बल्कि यह संकल्प है – कि फिर कोई सत्ता, लोकतंत्र को कुचलने की जुर्रत न करे।
यह कार्यक्रम इतिहास से सीख लेने की प्रेरणा है, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ जान सकें कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कितने बलिदानों की देन है।
नरेश अरोड़ा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी स्पष्ट करती है कि लोकतंत्र की रक्षा और संविधान की गरिमा के लिए ऐसे स्मृति दिवस मनाना हमारा कर्तव्य है – और किसी भी विरोध से हम न तो डरते हैं, न विचलित होते हैं।