Brave soldiers who risked their lives to protect the country were required to return their gallantry medals for the demand of just one road.

देश की रक्षा के लिए अपनी जान को जोखिम में डालने वाले बहादुर सैनिकों को सिर्फ एक सड़क की मांग को लेकर वीरता मेडल लौटाने की जरूरत पड़ी

Brave soldiers who risked their lives to protect the country were required to return their gallantry medals for the demand of just one road.

Brave soldiers who risked their lives to protect the country were required to return their gallantry

हमीरपुर:देश की रक्षा के लिए अपनी जान को जोखिम में डालने वाले बहादुर सैनिकों को सिर्फ एक सड़क की मांग को लेकर वीरता मेडल लौटाने की जरूरत पड़ रही है। मामला नादौन विधानसभा क्षेत्र गोइस पंचायत के खोरड गांव का है। गांव तक एंबुलेंस रोड की मांग को लेकर पूर्व सैनिकों और ग्रामीणों ने डीसी के सामने सड़क निर्माण जल्द शुरू करवाने की मांग दोबारा की।

इससे पहले भी पूर्व नायब सूबेदार प्रीतम सिंह, नायब सूबेदार विधि सिंह और अमृत कुमारी ने डीसी के सामने 7 जुलाई को यही मांग रखी थी। ये सभी सेना के मेडल लौटाने पहुंचे थे, लेकिन डीसी से आश्वासन मिलने के बाद लौट गए।

उनका कहना है कि अतिशीघ्र सड़क का निर्माण कार्य शुरू करने का आश्वासन मिलने के बाद उन्होंने मेडल वापस न करने का निर्णय लिया था। ग्रामीणों का कहना है कि इतने दिन बीत जाने के बाद भी सड़क निर्माण कार्य अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। उन्होंने डीसी से मांग उठाई है कि उनकी इस बड़ी समस्या का हल जल्दी निकाला जाए और संबंधित विभागों को सड़क निर्माण के आदेश जारी किए जाएं, ताकि लोगों की समस्या हल हो सके।

ग्रामीणों का कहना है कि 2 साल में एंबुलेंस रोड का काम शुरू न होने के कारण जो बजट आया था वह लैप्स हो गया।