आजमगढ़ का खस्ताहाल सरकारी अस्पताल! मरीजों के लिए स्ट्रेचर तक नहीं; कंधे पर ले जाने को मजबूर

आजमगढ़ का खस्ताहाल सरकारी अस्पताल! मरीजों के लिए स्ट्रेचर तक नहीं; कंधे पर ले जाने को मजबूर

Dazzling Claim

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आजमगढ़. Dazzling Claim: यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद भी मंडलीय जिला चिकित्सालय(Circle District Hospital) की सेहत में सुधार नहीं हो रहे हैं. हालत ये है कि मंडलीय चिकित्सालय(Divisional Hospital) में इलाज के लिए आ रहे मरीजों को स्ट्रेचर भी नहीं मिल रहे. ऐसे में परिजन बुजुर्ग मरीजों को गोद में उठाकर ले जाने के लिए मजबूर हैं. यही नहीं आपरेशन थिएटर(operation theater) में भी मरीज के परिजन ओपीडी(OPD) से मरीजों को कंधे पर उठाकर पहुंचा रहे हैं, लेकिन अस्पताल के जिम्मेदार आंखे मूंदे हुए है.वहीं, इस मामले में प्रभारी एसआईसी डॉ प्रमोद का दावा है कि अस्पताल में स्ट्रेचर की कमी नहीं है.

हालांकि, कहा जाता है कि तस्वीरें झूठ नहीं बोलतीं. इलाज के लिए आई बुजुर्ग महिला के परिजन ओपीडी में दिखाने के लिए घंटों मंडलीय अस्पताल में जद्दोजहद करते रहे, लेकिन स्ट्रेचर नहीं मिलने पर परिजन बुजुर्ग महिला को कंधे पर टांगकर चिकित्सक के पास पहुंचे. दूसरी तस्वीर में एक दूसरी महिला मरीज को ओपीडी से मरीज उठाकर लेकर जा रहा है. इस मरीज को भी स्ट्रेचर नहीं मिला. मंडलीय अस्पताल का यह हाल प्रतिदिन का हो गया है.

स्ट्रेचर के लिए मरीज के परिजन भटक रहे और उन्हें मजबूर होकर कंधे पर ले जाना पड़ रहा है. यही नहीं अस्पताल की हालत यह है कि यहां मरीजों को आपरेशन थिएटर तक ले जाने के लिए भी स्ट्रेचर नहीं है. एक मरीज के परिजनों ने बताया कि स्टाफ से घंटों प्रार्थना की गई स्ट्रेचर के लिए लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है. ओपीडी और वार्ड में गोद में उठाकर ले जाना हमारी मजबूरी है. अगर वे समय से नहीं पहुंचे तो डॉक्टर अस्पताल से निकल जाएंगे.

इस मामले में प्रभारी एसआईसी डॉ प्रमोद कुमार का दावा है कि मंडलीय अस्पताल में स्ट्रेचर की कोई कमी नहीं है. वे कहते है कि मरीजों के लिए ही स्ट्रेचर की व्यवस्था है, लेकिन उसका आम आदमी इस्तेमाल नहीं करता है. उन्होंने कहा कि हो सकता है मरीजों के परिजनों से कोई चूक हो गई हो या फिर विभाग से कोई चूक हुई हो, लेकिन स्ट्रेचर की कोई कमी नहीं है.

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