Chandigarh Right To Service Commission| चंडीगढ़ राइट टू सर्विस कमीशन में अहम नियुक्ति; रिटायर्ड IAS अरुण कुमार होंगे नए मुख्य आयुक्त

चंडीगढ़ राइट टू सर्विस कमीशन में अहम नियुक्ति; रिटायर्ड IAS अरुण कुमार होंगे नए मुख्य आयुक्त, जानिए उनके बारे में

Arun Kumar New Chief Commissioner Chandigarh Right To Service Commission

Arun Kumar New Chief Commissioner Chandigarh Right To Service Commission

Chandigarh Right To Service Commission: हरियाणा कैडर 1989 बैच के रिटायर्ड IAS अरुण कुमार को चंडीगढ़ राइट टू सर्विस कमीशन का नया मुख्य आयुक्त (Chief Commissioner) नियुक्त किया गया है। गृह मंत्रालय ने अरुण कुमार की नियुक्ति को मंजूरी दी है। नियुक्ति संबंधी आदेश जल्द जारी किया जाएगा।

आपको बता दें कि, अरुण कुमार की गिनती कुशल अफसरों में होती रही है। वह नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के प्रमुख रह चुके हैं। यहां उन्हें 2021 में कार्यकाल विस्तार भी मिला था। कुमार को जुलाई 2019 में डीजीसीए प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने बीएस भुल्लर की सेवानिवृत्ति के साथ मई और जुलाई 2019 के बीच पहले इस पद का अतिरिक्त प्रभार संभाला था। अरुण कुमार डीजीसीए में अतिरिक्त सचिव भी रह चुके हैं।

रिटायर्ड आईआरएस अनु जे सिंह के नाम की थी चर्चा

बता दें कि, इससे पहले चंडीगढ़ राइट टू सर्विस कमीशन के नए मुख्य आयुक्त की दौड़ में 1985 बैच की रिटायर्ड आईआरएस अनु जे सिंह का नाम खासा चर्चा में था। पंजाब के राज्यपाल व चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने उनके नाम की संस्तुति भी की थी। लेकिन केंद्र सरकार की ओर से फाइनल निर्णय लिया जाना था।

प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल को मिला था एडिशनल चार्ज

मालूम रहे कि, चंडीगढ़ राइट टू सर्विस कमीशन के मुख्य आयुक्त का एडिशनल चार्ज प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल को मिला था। चंडीगढ़ राइट टू सर्विस कमीशन के पूर्व मुख्य आयुक्त केके जिंदल का कार्यकाल पूरा होने के समय से ही धर्मपाल के पास एडीशनल चार्ज आ गया था। इस बीच धर्मपाल को अतिरिक्त प्रभार देने को लेकर विवाद भी उठा था कि बतौर सरकारी मुलाजिम रहते हुए उन्हें संवैधानिक पोस्ट का अतिरिक्त चार्ज कैसे दिया जा सकता है?

स्थाई मुख्य आयुक्त भी बनना चाहते थे धर्मपाल

चंडीगढ़ राइट टू सर्विस कमीशन का स्थाई मुख्य आयुक्त बनने के लिए धर्मपाल की दावेदारी चल रही थी। लेकिन उनकी दावेदारी उस समय खटाई में पड़ गई। जब प्रशासन की ओर से पोस्ट के लिए दूसरी बार निकाले गए विज्ञापन में वो शर्तें लगा दी गईं। जिनमें सलाहकार धर्मपाल फिट नहीं बैठे। दरअसल, धर्मपाल के पास केंद्र सरकार के सेक्रेट्री रैंक के बराबर का दर्जा तो था लेकिन आवेदन के लिए रिटायरमेंट की जो शर्त रख दी गई उसने एक झटके में ही धर्मपाल को रेस से बाहर कर दिया।

दरअसल, चंडीगढ़ के सेक्रेट्री पर्सनल की ओर से चीफ कमिशनर पद के लिए जो आवेदन मांगा गया , उसके अनुसार 16 अगस्त 2023 को शाम 5 बजे तक आवेदन करने की अंतिम तारीख थी। आवेदन में दी गई शर्तों के अनुसार केवल वही अफसर इस पोस्ट के लिए आवेदन कर सकते थे जो रिटायर्ड हों। बाकायदा रिटायरमेंट का आर्डर भी विज्ञापन में संलग्न करने को कहा गया था। बस यहीं सलाहकार धर्मपाल के मामले में पेंच फंस गया। बता दें कि, धर्मपाल की एक सुलझे हुए अधिकारी की छवि रही है जिन्होंने चंडीगढ़ में अपनी दमदार परफोर्मेंस से खूब सुर्खियां बटोरी क्योंकि यहां के बरसों से रुके हुए काम इन्हीं के कार्यकाल के दौरान सिरे चढ़ रहे हैं।