खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड की वर्ष 2017-18 के वार्षिक लेखे राज्य विधानसभा के पटल पर रखने की स्वीकृति प्रदान

खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड की वर्ष 2017-18 के वार्षिक लेखे राज्य विधानसभा के पटल पर रखने की स्वीकृति प्रदान

 खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड की वर्ष 2017-18 के वार्षिक लेखे राज्य विधानसभा के पटल पर रखने की स्वीकृति प्रदान

खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड की वर्ष 2017-18 के वार्षिक लेखे राज्य विधानसभा के पटल पर रखने की स्वीकृत

चंडीगढ़, 1 सितंबर - हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहाँ हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड की वर्ष 2017-18 के वार्षिक लेखे राज्य विधानसभा के पटल पर रखने की स्वीकृति प्रदान की।
हरियाणा खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड के वार्षिक लेखा परीक्षित खातों को भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक (कर्तव्यों, शक्तियों और सेवा की शर्तों) अधिनियम, 1971 की धारा 19ए (3) में निहित प्रावधानों के अनुसार राज्य विधानमंडल के समक्ष रखा जाना आवश्यक है। 
भारत के नियंत्रक-महालेखा परीक्षक की  (कर्तव्य, शक्तियां और सेवा की शर्तें) अधिनियम, 1971 की धारा 19(3), जो कि 1984 में संशोधित किया गया के अनुसार हरियाणा खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड की वर्ष 2017-18 वार्षिक आडिट, महानियंत्रक (लेखा) हरियाणा द्वारा किया गया है।  
गौरतलब है कि हरियाणा खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड 1 फरवरी, 1969 को समग्र पंजाब खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड के विभाजन के परिणामस्वरूप अस्तित्व में आया था। यह एक गैर-लाभकारी सेवा संगठन है। यह बोर्ड  अपनी योजनाओं / गतिविधियों के लिए खादी और ग्रामोद्योग आयोग तथा राज्य सरकार के माध्यम से केंद्र सरकार से धन प्राप्त करता है।
मंत्रिमंडल ने वैधानिक निकायों के खातों के ऐसे विवरणों को स्वीकृति देने के लिए अधिकार प्राप्त कैबिनेट उप-समिति अधिकृत करने का भी निर्णय लिया, जिन्हें हरियाणा विधान सभा के समक्ष रखने की आवश्यकता है।