ग्रेटर नोएडा में बिना अधिग्रहण बांटी गई 8 हजार वर्गमीटर जमीन, योगी सरकार ने 3 अधिकारियों को किया निलंबित

8 Thousand Square Meters of Land was Distributed

8 Thousand Square Meters of Land was Distributed

8 Thousand Square Meters of Land was Distributed: ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (ग्रेनो) में बिना अधिग्रहण के 8000 वर्ग मीटर जमीन आवंटित करने के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने सख्त कार्रवाई की है. औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल नंदी के निर्देश पर प्राधिकरण के तत्कालीन महाप्रबंधक आरके देव, प्रबंधक कमलेश मणि चौधरी और तत्कालीन वरिष्ठ ड्राफ्टमैन सुरेश कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.

मामला ग्रेनो वेस्ट के पतवाड़ी गांव से जुड़ा है, जहां 2008 में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हुई थी. 2023 में प्राधिकरण ने इस गांव में आवासीय प्लॉट योजना शुरू की, जिसमें पांच आवंटियों को अधिक बोली के आधार पर कुल 9600 वर्ग मीटर जमीन के प्लॉट आवंटित किए गए.

1600 वर्ग मीटर जमीन का ही अधिग्रहण

जांच में खुलासा हुआ कि इनमें से केवल 1600 वर्ग मीटर जमीन का ही अधिग्रहण किया गया था, जबकि शेष 8000 वर्ग मीटर जमीन बिना अधिग्रहण के ही लीज प्लान के तहत आवंटित कर दी गई. औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल नंदी ने इस गंभीर अनियमितता पर त्वरित कार्रवाई करते हुए तीनों अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. साथ ही, अन्य कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच शुरू कर दी गई है. प्रारंभिक जांच में पाया गया कि उक्त अधिकारियों ने नियमों की अनदेखी कर अवैध रूप से जमीन आवंटन की प्रक्रिया को अंजाम दिया.

भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति

सूत्रों के अनुसार, इस मामले में प्राधिकरण के अन्य कर्मचारियों की संलिप्तता की भी जांच की जा रही है. सरकार ने स्पष्ट किया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. इस घोटाले के सामने आने के बाद ग्रेनो प्राधिकरण की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं. मंत्री नंदी ने कहा कि इस मामले में पूरी पारदर्शिता बरती जाएगी और जांच के आधार पर दोषी पाए गए सभी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इस घटना ने एक बार फिर सरकारी जमीन के आवंटन में पारदर्शिता और जवाबदेही की जरूरत को रेखांकित किया है.