Appointment as Judges: न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति से चूक के मुददे पर हस्तक्षेप करने और समाधान करने का आग्रह: सरदार सुखबीर सिंह बादल
Appointment as Judges: न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति से चूक के मुददे पर हस्तक्षेप करने और समाधान क
प्रधानमंत्री से पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति से चूक के मुददे पर हस्तक्षेप करने और सिख समुदाय की भावनाओं का ख्याल रखते हुए समाधान करने का आग्रह: सरदार सुखबीर सिंह बादल
कहा कि इससे देशभक्त समुदाय को गलत संदेश मिला, जिन्होने स्वतंत्रता संग्राम के साथ साथ देश की सीमाओं करने में सबसे अधिक योगदान दिया
कहा कि पंजाब के सभी लंबित मुददों का समाधान करें
चंडीगढ़/16अगस्त: Appointment as Judges: शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज सिख समुदाय की भावनाओं का ख्याल रखते हुए जो पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किए गए अधिवक्ताओं की नवीनतम अधिसूचित सूची(Latest Notified List) में अपने समुदाय के सदस्यों को पूरी तरह से बाहर किए जाने से बेहद परेशान हैं, के बारे आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करके इसका समाधान करने का आग्रह किया है।
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में अकाली दल अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ मुझे विश्वास है कि आप इस बारे में चिंतित होंगें कि केंद्र सरकार द्वारा जिन अधिवक्ताओं की नियुक्तियों(Advocates' appointments) को अधिसूचित किया गया है, उनमें सिख समुदाय के एक भी सदस्य को पदोन्नित के लिए नही चुना गया है, इससे बेहद निराशा हुई है, क्योंकि यह ऐसे समय फैसला आया है जब सुप्रीम कोर्ट में एक भी सिख न्यायाधीश नही है’’।
सरदार सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि सिख और अन्य पंजाबी कानूनी दिग्गजों की कोई कमी नही है, जिन्होने समाज की सेवा करने में खुद को प्रतिष्ठित किया है। उन्होने प्रधानमंत्री से इस मामले में व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करने और स्थिति को सुधारने का आग्रह करते हुए कहा, ‘‘ पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय(Punjab and Haryana High Court) सहित देश की शीर्ष अदालतों में ऐसी सक्षम हस्तियों को पदोन्नत करने के लिए विचार किया जाना चाहिए’’।
प्रधानमंत्री को यह बताते हुए कि शीर्ष न्यायिक नियुक्तियों से बाहर किए जाने से राष्ट्रवादी सिख समुदाय को गलत संदेश भेजा गया है। सरदार बादल ने कहा, ‘‘ इस समुदाय ने स्वतंत्रता संग्राम के साथ साथ देश की सीमाओं की रक्षा करने में सबसे अधिक योगदान दिया है। सिख समुदाय ने देश को शहीद-ए-आजम(Shaheed-e-Azam) जैसे क्रंातिकारी दिए हैं। आजादी की लड़ाई में सिख समुदाय के 121 सदस्यों ने फांसी के तख्ते को चुमा था। उन्होने बताया कि काला पानी(अंडमान और निकोबार द्वीप समुह) में 2646 कैदियों में से 2147 सिखों को उम्रकैद की सजा में कैद किया गया था, यह सब रिकॉर्ड की बात हैं’’।
सरदार बादल ने प्रधानमंत्री को यह भी बताया कि न्यायिक नियुक्तियों के अलावा पंजाबियों को अतीत में गंभीर रूप से प्रताड़ित किया गया है। उन्होने कहा, ‘‘ हम अकेले हैं जिनके पास अपनी राजधानी नही है, रिपेरियन सिद्धांत के अनुसार हमारे पानी पर हमारा अधिकार नही है, और राज्य के पुनर्गठन के समय हमने अपने पंजाबी क्षेत्रों को खो दिया था। हम भी प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुए हैं , जबकि हमारे पड़ोसियों को विशेष आर्थिक पैकज दिए गए। उन्होने इस बारे खुलासा करते हुए न्यायिक नियुक्तियों सहित सभी लंबित मुददों को सहानुभूतिपूर्वक उठाने का अनुरोध किया है।