Rajya Sabha member should also be nominated

चण्डीगढ़ में विधान सभा गठित , व राज्य सभा की सीट के लिए उठी माँग

MC-Meeting

Rajya Sabha member should also be nominated

पानी की दरें कम करने, बिजली विभाग के निजीकरण को वापस लिया जाये : आप

अर्थ प्रकाश/वीरेंद्र सिंह

चंडीगढ़। नगर निगम चंडीगढ़ की निगम सदन की 309वीं बैठक में सोमवार को प्रस्तावित लगभग सभी प्रस्तावों को कुछ संशोधनों के साथ हरी झंडी दे दी गई। विगत बैठक की निगम सदन के मिनट्स पर कुछ बहस के बाद उसे भी पारित कर दिया गया। आज की बैठक की खासियत यह रही कि पंजाब के सांसद मनीष तिवारी द्वारा संविधान संशोधन विधेयक 2021, संशोधन बिल 2021 (अनुच्छेद 80 इत्यादि) संबंधी बिल पर कांग्रेस पार्षद गुरबख्श रावत ने चर्चा करते हुए इसे पारित करने की बात सदन में रखी। 
 

उनका कहना था कि दिल्ली में राज्यसभा सदस्य होता है। उसी तर्ज पर चंडीगढ़ में भी राज्यसभा सदस्य की एक सीट की व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उनका मतलब यह कतई नहीं है कि इसी कार्यकाल से इसे लागू किया जाए, बल्कि शहर की आबादी बढऩे के साथ उसके अनुसार यह प्रस्ताव लागू भी किया जाना चाहिए। इसके अलावा शहर में आबादी के अनुपात से नगर निगम के अलावा विधानसभा भी होनी चाहिए। 
 

इस पर भाजपा पार्षद सौरभ जोशी ने टिप्पणी करते हुए कहा कि दिल्ली प्रदेश पूरे भारत वर्ष यानि देश की राजधानी है। इसलिए वहां की आबादी भी बढ़ती रहती है। दिल्ली प्रदेश सरकार भी आनुपातिक रूप से अपने सदस्यों को राज्यसभा के लिए मनोनीत करती रही है। 
    किंतु चंडीगढ़ को दो राज्यों की राजधानी होने के अलावा केंद्र शासित क्षेत्र का दर्जा भी प्राप्त है। परंतु यहां की जनसंख्या अभी उतनी नहीं है कि इसे राज्यसभा सदस्य मनोनीत करने का अधिकार मिल सके। फिर भी यह प्रस्ताव इसलिए अति महत्वपूर्ण विषय है कि आने वाले दशकों में यहां भी जनसंख्या बढ़ेगी और उसके अनुरूप यहां से भी प्रत्येक राजनीतिक दल को अपना-अपना सदस्य राज्यसभा के लिए मनोनीत करने का अधिकार प्राप्त होगा।  बहस में भाग लेते हुए भाजपा के ही पार्षद महेश इंदर सिंह ने भी गुरबख्श रावत के प्रस्ताव का समर्थन करते हुए पारित करने की अपील की।

रायपुर कलां की गौशाला के निर्माण को शीघ्र पूरा किया जाए

रायपुरकलां की गौशाला में पशु चिकित्सालय और बीमा पशु बाड़े के निर्माण के प्रस्ताव भी सदन में काफी गर्मागर्मी देखने को मिली। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने बार-बार मेयर से इस मामले पर जवाब देने की बात की। निगम कमिश्नर ने इस पर तकनीकी विशेषज्ञों की राय लेने के बाद कहा कि इस पर सभी कार्य संबंधित इलाके के पार्षद के फंड से क्रियान्वित किये जायेंगे।   इस पर चीफ इंजीनियर ने कहा कि इस गौबाड़े के लिए कुल 12.55 एकड़ की जमीन छोड़ी गई है। इसका निर्माण तीन चरणों में पूरा हो सकेगा। धीरे-धीरे चलते हुए यह कार्य आगामी वर्ष २०२३ तक यह प्लांट शुरू हो जायेगा। 
    उन्होंने कहा कि इसमें एक हजार गौवंश रखे जाने की क्षमता होगी। इसके अलावा बीमार पशुओं के लिए अलग से व्यवस्था करनी होगी, जिसमें उनके लिए पशु अस्पताल भी बनाने  पड़ेंगे। इसलिए फंड आने के हिसाब से इसका एस्टिमेट बनाना पड़ेगा। आम आदमी पार्टी के पार्षद जसबीर लाडी ने कहा कि निगम के सभी पशु अस्पताल को समान रूप से निर्मित होना चाहिए। जवाब में मेयर ने हां में आश्वासन दिया। 

अन्य प्रस्तावों में वर्ष 2022 के लिए 3 समितियों के पुनर्गठन, गांव रायपुरकलां में कुत्तों के एनिमल बर्थ कंट्रोल के शेष रहते निर्माण कार्य को पूरा करने, चंडीगढ़ को पांच सितार स्तर पर कूड़ा-कचरा मुक्त घोषित करना, सेनिटरी भूमि भराई स्थल के रखरखाव के लिए चेनडोपर खरीदने के मामले पर विचार करने के अलावा नगर निगम चंडीगढ़ के अग्निशमन केंद्रों पर संबंधित कर्मियों के रिक्त पदों को भरने का प्रस्ताव भी पारित किया गया। 

लीगल कमेटी ने इसे रिजेक्ट किया

जवाब में नगर निगम की कमिश्नर एवं वरिष्ठ आईएएस अधिकारी श्रीमती अनिंदिता मित्रा ने कहा कि हालांकि इस प्रस्ताव को लीगल एवं टेक्नीकल कमेटी पहले ही रिजेक्ट कर चुकी है। फिर भी यदि यह प्रस्ताव पारित होगा तो वह इसे नगर प्रशासन के माध्मय से दिल्ली सरकार के कानूनी संभाग को प्रेषित करेंगी। वहां से जैसी प्रतिक्रिया मिलेगी, उसी के अनुरूप इस पर अमल में लाने की जानकारी सदन को दी जायेगी।

सदन में अग्रसारित करने की अनुमति 

अगले सदन में प्रस्ताव को प्रशासन के पास प्रेषित करने की प्रक्रिया की जानकारी सदन को दी जा सकेगी। क्योंकि यह बहुत ही संजीदा और वैधारिक मामला है। इसके साथ ही इस प्रस्ताव को अग्रसारित करने की अनुमति सदन ने कमिश्नर को दे दी। बाद में मेजें थपथपाकर इसका स्वागत किया गया। 

आप ने निजीकरण का किया विरोध

लगभग सभी प्रस्तावों पर चर्चा सम्पन्न होते ही आम आदमी पार्टी की पार्षद प्रेमलता ने वेल में आकर मेयर से पानी की बढ़ी दरें कम करने, बिजली विभाग के निजीकरण को वापस कराने, पार्किंग की व्यवस्था दुरुस्त करने की बात करने के साथ-साथ सीटीयू के निजीकरण के विरुद्ध पम्पलेट लहराया। इसके बाद निगम सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। जवाब में मेयर ने कहा कि पानी के मुद्दे को लेकर कहा वह आप सभी को साथ लेकर नगर प्रशासक के साथ बात कर उसे कम से कम कराने की बात करेंगी। किंतु बिजली औ सीटीयू के विभाग तो नगर प्रशासन चंडीगढ़ के पास हैं। इसलिए उसे तकनीकी रूप से इसमें शामिल नहीं किया जा सकता है।