चंडीगढ़ आ रहे PM Modi; प्रकाश सिंह बादल को देंगे अंतिम श्रद्धांजलि, मिलते ही पैर छूते थे, बोले- मेरा व्यक्तिगत नुकसान हुआ है
PM Modi on Parkash Badal Death Latest News
PM Modi on Parkash Badal Death: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चंडीगढ़ पहुंच रहे हैं। ऐसी जानकारी सामने आ रही है। बतादें कि, पीएम मोदी के मन में प्रकाश सिंह बादल के लिए काफी सम्मान था। पीएम मोदी जब भी प्रकाश सिंह बादल से मिलते थे तो उनके पैर छूते थे। प्रकाश सिंह बादल के निधन पर पीएम मोदी ने ट्विटर पर उनके साथ की अपनी तस्वीरें साझा की हैं। पीएम मोदी ने प्रकाश सिंह बादल के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
पीएम मोदी ने ट्विटर पर लिखा- श्री प्रकाश सिंह बादल का जाना मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। मैंने उनके साथ कई दशकों तक निकटता से बातचीत की है और उनसे बहुत कुछ सीखा है। मुझे हमारी कई बातचीतें याद आती हैं, जिसमें उनकी बुद्धिमत्ता हमेशा स्पष्ट रूप से दिखाई देती थी। श्री प्रकाश सिंह बादल भारतीय राजनीति की एक महान हस्ती थे, और एक उल्लेखनीय राजनेता थे जिन्होंने हमारे देश के लिए बहुत योगदान दिया। उन्होंने पंजाब की प्रगति के लिए अथक परिश्रम किया और कठिन समय में राज्य को सहारा दिया। उनके परिवार और अनगिनत प्रशंसकों के प्रति संवेदना.
अंतिम दर्शन के लिए चंडीगढ़ में रखा गया पार्थिव शरीर
प्रकाश सिंह बादल का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए चंडीगढ़ सेक्टर-28 स्थित शिरोमणि अकाली दल के कार्यालय में रखा गया है। यहां कई नेता और अन्य लोग प्रकाश सिंह बादल को अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। वहीं अंतिम दर्शन और श्रद्धांजलि सभा के बाद प्रकाश सिंह बादल का पार्थिव शरीर अंतिम यात्रा के लिए निकाला जाएगा। प्रकाश सिंह बादल का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव बादल में होगा।
स्वास्थ्य समस्याओं से जूझते हुए निधन
बतादें कि, प्रकाश सिंह बादल 95 साल के थे और उम्र के इस पड़ाव में वह लगातार स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे। पिछले कुछ दिनों में उनकी कई बार तबियत बिगड़ी। वहीं हाल ही में तबियत ज्यादा बिगड़ जाने के चलते उन्हें मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बादल यहां ICU में भर्ती थे और डॉक्टरों की एक विशेष टीम उनपर अपनी नजर बनाए हुए थी। लेकिन काफी इलाज के बावजूद प्रकाश सिंह बादल को बचाया नहीं जा सका। मंगलवार रात बादल ने अपने जीवन की अंतिम सांस ली।
राजनीति के धुरी थे प्रकाश सिंह बादल
बतादें कि, प्रकाश सिंह बादल राजनीति के धुरी माने जाते थे। राजनीति कैसे होती है? इसका अनुभव प्रकाश सिंह बादल को बखूबी था। बादल ने एक लंबे समय तक राजनीति की। 95 साल की उम्र हो जाने बावजूद वह राजनीति में सक्रिय रहे। बादल देश की राजनीति के सबसे बुजुर्ग नेता थे। बादल ने निधन से राजनीति का एक अहम हिस्सा आज खत्म हो गया। यही कारण है कि, बादल के सम्मान में केंद्र सरकार द्वारा पूरे देश में दो दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है। देश में दो दिनों तक राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और इन दो दिनों में कोई आधिकारिक मनोरंजन नहीं होगा।
सरपंच बनने से शुरू हुआ बादल का राजनीतिक सफर
प्रकाश सिंह बादल ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1947 में की। वह सबसे पहले गांव बादल के सरपंच और बाद में ब्लॉक समिति लंबी के अध्यक्ष बने। इसके बाद 1957 में वह राजनीति की मुख्य धारा में आ गए। प्रकाश बादल ने पहली बार शिरोमणि अकाली दल से पंजाब विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। बस फिर क्या था प्रकाश सिंह बादल राजनीति में चमकते ही चले गए। बादल 1970 से 1971 तक, 1977 से 1980 तक, 1997 से 2002 तक और 2007 से 2017 तक पंजाब राज्य के मुख्यमंत्री रहे।