उत्तराखंड में जबरन मतांतरण पर अब 10 साल की सजा, राजभवन ने लगाई धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक पर मुहर
Freedom of Religion (Amendment) Bill
Freedom of Religion (Amendment) Bill: प्रदेश में जबरन या प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराने या करने पर अब 10 साल तक की सजा होगी। राज्यपाल ने उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता संशोधन विधेयक 2022 को मंजूरी दे दी है। राजभवन की मुहर लगने के बाद अब अधिनियम राज्य में प्रभावी हो गया है।
अपर सचिव विधायी महेश कौशिबा ने विधेयक पर राज्यपाल की स्वीकृति की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि अब राज्य में संशोधन कानून प्रभावी हो गया है। धर्मांतरण विरोधी यह कानून उत्तरप्रदेश से भी सख्त है।
कानून में ये हैं प्रमुख प्रावधान
- जबरन, लालच देकर या धोखे से किसी भी व्यक्ति का धर्म परिवर्तन कराना जुर्म होगा।
- ऐसा करने का दोषी पाए जाने पर उसे 10 साल तक की कैद हो सकती है।
- नए कानून में 50 हजार के जुर्माने का प्रावधान किया गया है
- धर्मांतरण कराने का दोषी पाए जाने वाले को पांच लाख रुपये तक पीड़ित को देने होंगे।
- उत्तराखंड में 2018 में यह कानून बनाया गया था। उसमें जबरन या प्रलोभन से धर्मांतरण पर एक से पांच साल की सजा का प्रावधान था।
यह पढ़ें: