Clash in Chandigarh Congress, clash between Babla and Chawla, see what is the matter...

चंडीगढ़ कांग्रेस में घमासान, बबला व चावला में झड़प, देखें क्या है मामला...

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Clash in Chandigarh Congress, clash between Babla and Chawla, see what is the matter...

अर्थ प्रकाश/वीरेंद्र सिंह

चंडीगढ़। नगर निगम चंडीगढ़ के नवनिर्वाचित पार्षदों के शपथ ग्रहण समारोह के बाद कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष चावला व निवर्तमान पार्षद देवेंद्र सिंह बबला में तीखी झड़प हुई। बबला ने सुभाष चावला के साथ कांग्रेस की दुर्गति को लेकर छींटाकशी की। जवाब में चावला ने भी कुछ कहा। विवाद धीरे-धीरे इतना बढ़ा कि दोनों के बीच काफी गर्मागर्मी शुरू हो गई। इस दृश्य से वहां पर मौजूद सभी लोग स्तब्ध रह गये। इसके बाद कांग्रेस व भाजपा के कुछ वरिष्ठ लोगों ने आकर बीच-बचाव कराया। 


 

बबला ने चावला पर तंज कसते हुए कहा कि निगम चुनाव में इन महाशय की वजह से कांग्रेस की इतनी बड़ी पराजय हुई है। जवाब में चावला ने कहा कि इसकी वजह चर्चा की करने की जगह यहां नहीं पार्टी ऑफिस में बैठकर तय करेंगे। किंतु बबला का क्रोध नियंत्रण के बाहर हो गया और नौबत हाथापाई तक पहुंच गई। किंतु तत्काल ही कुछ लोगों के दखल से अनिष्ट होते-होते बच गया।
 

बाद में जब लोगों ने चावला से पूछा कि यह माजरा क्या है, उनका इशारा बबला की तरफ था कि इसका जवाब बबला ही दे सकते हैं,  क्योंकि शुरुआत उनकी तरफ से ही की गई थी। 
 

 चावला का कहना था कि उन्हें समझ नहीं आ रहा कि बबला कहना क्या चाह रहे हैं। उनकी जगह पर बबला की पत्नी हरप्रीत कौर को प्रत्याशी बनाया गया और चुनाव में भारी बहुमत के साथ उन्हें जीत भी मिली। इसके बावजूद पार्टी के प्रति उनके मन में इतना आक्रोश क्यों है। सुभाष चावला ने कहा कि उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही होती या नहीं यह बात में तय किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस वक्त कुछ कह पाना मुश्किल हो रहा है। क्योंकि बबला जैसे व्यक्ति से ऐसी अपेक्षा नहीं थी, उनके इस कृत्य से मैं स्तब्ध हूं। चावला ने कहा कि जो भी कार्यवाही होगी बाद में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ विचार के बाद की जायेगी। 


    इससे पूर्व चंडीगढ़ नगर निगम के नवनिवर्वाचित पार्षदों को शनिवार को निगम के असेंबली हॉल में डीसी विनय प्रताप सिंह ने शपथ दिलाई। सबसे पहले वार्ड नंबर 1 की पार्षद जसविंदर कौर ने पंजाबी भाषा में शपथ ली। उन्होंने कहा कि सत्य निष्ठा के साथ वह नगर निगम व वार्ड के लोगों की सेवा करती रहेंगी। इसके बाद वार्ड नंबर 18 से हरप्रीत कौर बबला, वार्ड 19 से नेहा यादव, वार्ड 20 गुरचरण सिंह, 21 से जसबीर सिंह, 22 से अंजू कत्याल, 23 से प्रेम लता, 24 से जसबीर सिंह, 25 से योगेश ढींगरा  और वार्ड 26 से कुलदीप दलोड़ ने शपथ ग्रहण की। इसी प्रकार 35 पार्षदों ने अपनी-अपनी पसंद की भाषा में शपथ ली। 

बिना मास्क के शपथ ग्रहण!

शपथ ग्रहण के दौरान ज्यादातार पार्षदों ने अपने मुंह पर लगे मास्क उतार रखे थे। इस बीच डीसी विनय प्रताप सिंह ने शपथ ग्रहण समारोह रोककर कोरोना प्रोटोकॉल की याद दिलाते हुए सभी को मास्क लगाने की हिदायत दी। इसके बाद शेष पार्षदों ने शपथ ली। समारोह की खास बात यह रही कि 17 पार्षदों ने हिंदी में 13 ने पंजाबी में व 5 पार्षदों ने अंग्रेजी में शपथ ग्रहण की। 

    वर्ष 2017 के नगर निगम चुनावों के बाद शपथ ग्रहण समारोह में भारतीय जनता पार्टी के पार्षद शक्ति प्रसाद देवशाली ने संस्कृत भाषा में शपथ ग्रहण कर सबको चौंका दिया था। किंतु इस किसी पार्षद ने संस्कृत में शपथ नहीं ली। 

    उल्लेखनीय है कि शपथ ग्रहण समारोह में सभी संबंधित दलों के पार्षदों के अलावा उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता, समर्थक, परिवार सहित बड़ी संख्या में लोगों ने शिरकत की। भारतीय जनता पार्टी के चंडीगढ़ प्रधान अरूण सूद व उनके अन्य सहयोगियों के अलावा कांग्रेस प्रधान सुभाष चावला, डीडी जिंदल व उनके समर्थक मौजूद थे, इसी प्रकार आम आदमी पार्टी के चंडीगढ़ अध्यक्ष प्रेम गर्ग, प्रदीप छाबड़ा व उनके तमाम समर्थक भी मौजूद रहे। 

कमिश्नर के साथ लंच

समारोह सम्पन्न होने के उपरांत नवनिर्वाचित पार्षदों ने निगम की कमिश्नर एवं वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अनिङ्क्षदता मित्रा के साथ लंच किया। सभी ने एक दूसरे को बधाईयां एवं नववर्ष की शुभकामनाएं दीं, एवं वार्ड वासियों को नववर्ष की बधाईयां दी व उन्हें जिताने के लिए आभार जताया। 

मेयर का चुनाव

नये मेयर के चुनाव को लेकर भी बड़ी संख्या मेें तोड़-फोड़ की आशंका जताई जा रही है किंतु विशेषज्ञों की मानें तो यदि कोई भी पार्षद किसी और पार्टी को समर्थन देना चाहता है तो उसके लिए इतना बड़ा ड्रामा करने की जरूरत ही नहीं होती। इस प्रकार के खेल इसके पहले भी कई बार हो चुके हैं। इस बार भी तीनों प्रमुख दलों की तरफ से मेयर बनाने के दावे किये जा रहे हैं। इस खेल में कौन कामयाब होता है, यह आने वाला समय तय करेगा।

    कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार डीसी द्वारा मेयर चुनाव की अधिसूचना जारी की जायेगी। उसके बाद चुनाव को निष्पक्ष कराने के लिए किसी एक मनोनीत पार्षद को प्रीजाइडिंग ऑफिस डीसी द्वारा ही नियुक्त किया जायेगा। उसके द्वारा चुनाव की तिथि के साथ पूरी प्रक्रिया जारी की जायेगी।