चीन ने अब इस खास policy में किया बदलाव, अब करने जा रहा है खास काम

चीन ने अब इस खास policy में किया बदलाव

चीन ने अब इस खास policy में किया बदलाव, अब करने जा रहा है खास काम

हांगकांग: जनसंख्या नियंत्रण को लेकर चीन समय समय पर नए नियम कानून लागू करता है। पहले वन चाइल्ड पॉलिसी और फिर दो बच्चे पैदा करने की अनुमति देने को लेकर चीन विश्व भर में चर्चा में रहा। अब एक बार फिर से चीन ने अपनी जनसंख्या नीति में बदलाव करते हुए लोगों को गर्भपात न कराने को लेकर जागरूक कर रहा है। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि लगातार घट रहे जन्म दर को बढ़ावा देने के लिए अब सरकार गर्भपात नहीं कराने की दिशा में लोगों को प्रोत्साहित करेगी।

चीन में जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या में गिरावट

बता दें कि 1.4 बिलियन की आबादी वाले चीन में इस साल जन्म लेने वाले शिशुओं की संख्या में रिकॉर्ड स्तर पर गिरावट दर्ज की गई है। पिछले साल चीन में 10.6 मिलियन शिशुओं ने जन्म लिया था। जबकि इस साल यह गिरकर 10 मिलियन से कम हो गया है। पिछले पांच सालों से चीन की जन्म दर में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है।

तेजी से कम होती जन्म दर ने विश्व की सबसे ज्यादा आबादी वाले देश के ऊपर जनसांख्यिकी खतरे का संकट बढ़ा दिया है। चीन अब इससे बचने के नए उपाय ढूंढ रहा है। यही कारण है कि एक समय में गर्भपात कराने पर सजा देने वाला चीन अब लोगों को गर्भपात न कराने की सलाह देगा।

देश में तीन बच्चे पैदा करने की इजाजत

आबादी के मामले में चीन विश्व का सबसे बड़ा देश है। बढ़ती आबादी को रोकने के लिए साल 1980 से 2015 तक चीन में वन चाइल्ड पॉलिसी (One Child Policy) लागू थी। इस नीति के तहत बड़े पैमाने पर चीन में गर्भपात और नसबंदी के लिए सरकार ने लोगों को मजबूर किया। मगर 2016 में चीन ने इस नीति को खत्म कर दिया और टू चाइल्ड पॉलिसी लागू किया। इसका असर एक साल बाद ही दिखा जब पिछले साल की तुलना में 2016-17 में चीन में 13 लाख ज्यादा बच्चे पैदा हुए। मगर चीन में बुजुर्गों की एक बड़ी आबादी की जनसंख्या बढ़ती देख चीन ने 2021 में शादीशुदा जोड़ों को तीन बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित किया

जानकारों की मानें तो चीन ने गर्भपात को लेकर अपनी नीति में ऐसे वक्त में बदलाव किया है जब सरकार ने कोरोना को लेकर जीरो-कोविड नीति का रुख अपनाया है। ऐसे में संभव है कि जिस तरह लोगों के जीवन पर सरकार का सख्त नियंत्रण है, इससे उनके भीतर बच्चा पैदा करने की इच्छा खत्म हो सकती है।