लखनऊ में कमरूल ने विवेक बनकर शादी की: आर्य समाज मंदिर में हिंदू युवती से रचाई शादी, 7 साल घरजमाई बनकर रहा; 1 साल से फरार

Kamrul Married as Vivek in Lucknow

Kamrul Married as Vivek in Lucknow

Kamrul Married as Vivek in Lucknow: उत्तर प्रदेश के लखनऊ में एक मुस्लिम युवक ने खुद को हिंदू बताकर शादी कर ली. युवती को 8 साल तक इसकी भनक तक नहीं लगी कि जिसे वो पति मान रही है वो उसने धोखे से उससे शादी की है. जब पोल खुली तो पीड़िता ने पुलिस को जाकर पूरी कहानी बताई. मामला दर्ज करके पुलिस ने जांच शुरू की. फिलहाल आरोपी की तलाश जारी है.

पीड़िता ने पुलिस को बताया कि वह रहीमाबाद की रहने वाली सामाजिक कार्यकर्त्री है. ब्लॉक स्तर पर महिलाओं की पेंशन व अन्य जरूरत के दस्तावेज बनवाने का काम करती थी. एक दिन अंजान नंबर से फोन आया. फोन करने वाले ने विवेक नाम बताते हुए पेंशन की जानकारी ली. इसके बाद उसका फोन कई दिनों के अंतराल में चार से पांच बार आया, मिलने को कहा. मना करने पर दबाव बनाने लगा.

युवती ने बताया- एक दिन वह घर आ गया और शादी का प्रस्ताव रखा. फिर दबाव बनाने लगा. उसने अपना नाम विवेक रावत बताया. पिता का नाम रामपाल रावत बताया. बोला की वो हरदोई के पिहानी दहेलिया का रहने वाला है और ट्रैवेल एजेंसी चलाता है.

पूजा करने से शक नहीं हुआ

पीड़िता ने पुलिस को बताया कि खुद को विवेक बताने वाला कमरुल हक पूजा करता था, माथे पर तिलक लगाता था. हाथ में कलावा बांधता था. इसलिए उस पर शक नहीं हुआ. उसने इसका फायदा उठाया और शादीशुदा होने के बाद भी विवाह कर लिया.

साल 2017 में हुई थी शादी

युवती ने कमरुल के बारे में बहन-बहनोई से बात की. उन्होंने भी सब कुछ कमरुल के बारे में झूठ बताया. इसके बाद कमरुल ने आर्य समाज मंदिर में ले जाकर मेरे साथ साल 2017 में विवाह कर लिया. दो साल तक हम दोनों लखनऊ में किराए के मकान में रहे. फिर कोरोना महामारी आ गई. मैंने फिर हरदोई चलकर रहने का दबाव बनाया तो वह टालमटोल करने लगा. कमरुल ने बताया कि कोविड में धंधा न चलने से माली हालत खराब हो गई है. फिर वो घर जमाई बनकर हमारे घर रहीमाबाद में चार साल तक रहा.

ऐसे खुली कमरुल की पोल

पीड़िता के मुताबिक- ज्यादा वक्त हो गया तो मैंने फिर हरदोई ले जाने को कहा. दोबारा वो टाल मटोल करने लगा. फिर एक दिन नौकरी की बात कहकर लखनऊ में रहने लगा. वहां डेढ़ साल रहा. कभी-कभी आता था. फिर आना बंद कर दिया. फोन किया तो बोला कि नौकरी छूट गई है, वह दिल्ली चला गया है. करीब साल भर तक न लौटने पर मैं नौ जून को उसे खोजते हुए उसके घर पहुंची. पता चला कि उसका नाम कमरुल है. वह शादीशुदा और उसके बच्चे भी हैं. मैंने इसका विरोध किया तो उसके घरवालों ने मुझे पीटकर भगा दिया.