US Election Results: कांटे की टक्कर में बाइडेन को 238, ट्रंप को 213 इलेक्टोरल वोट मिले, दोनों ने जीत का दावा किया | अमेरिका अपना नया राष्ट्रपति चुनने के लिए वोटिंग कर चुका है और अब भारत समेत अन्य देशों की नजर चुनाव के परिणाम पर लगी हुई है की अमेरिका का अगला बिग बॉस कौन होगा |
ताजा जानकारी के अनुसार अमेरिका में भारतीय समय के मुताबिक बुधवार सुबह साढ़े 11 बजे वोटिंग खत्म हो चुकी थी | अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में करीब 69 प्रतिशत मतदाताओं ने डेमोक्रेटिक पार्टी प्रत्याशी जो बाइडेन के पक्ष में मतदान किया जबकि 17 फीसदी मुस्लिम मतदाताओं ने रिपब्लिकन पार्टी के प्रत्याशी और मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन किया | यह आकलन अमेरिका के एक मुस्लिम नागरिक अधिकार समूह द्वारा कराए गए सर्वेक्षण में किया गया है |
अमेरिका में रात होने की वजह से राष्ट्रपति चुनाव (US Election 2020) की काउंटिंग रोक दी गई है | करीब 5 घंटे बाद वोटों की गिनती दोबारा शुरू होगी | पूर्व उप राष्ट्रपति तथा डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन ने एक बार फिर से रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप पर बढ़त बना ली है | बाइडेन को अब तक 238 जबकि मौजूदा राष्ट्रपति ट्रंप को 213 इलेक्टोरल वोट मिले हैं | बहुमत के लिए 270 का जादुई आंकड़ा जरूरी है | बाइडेन ने न्यू मैक्सिको, मासचूसेट्स, न्यू जर्सी, मैरीलैंड में जीत दर्ज की | कनेक्टिकट, डेलावेयर, कोलोराडो के अलावा न्यू हैम्पशायर में भी जीत दर्ज की है | फ्लोरिडा में ट्रंप ने जीत दर्ज की | इसके अलावा अलबामा, मिसीसिपी, ओक्लाहोमा में भी ट्रंप जीते हैं | अमेरिकी नतीजों पर चुनाव विश्लेषकों ने राय देते हुए कहा है कि शुरुआती रुझान और नतीजे में भारी अंतर हो सकता है | इसकी वजह यहहै कि ज्यादातर वोटिंग मेल इन के जरिये हुई है | इसलिए ऐसा हो सकता है |
अमेरिका का राष्ट्रपति कौन होगा? इस सवाल के जवाब का इंतजार हर कोई कर रहा है, ना सिर्फ अमेरिका बल्कि दुनिया की नजरें भी इस ओर हैं | लेकिन अभी तक जो संकेत मिल रहे हैं उससे साफ हो गया है कि अमेरिका में चुनावी नतीजे इतने आसानी से घोषित होने नहीं जा रहे हैं | जिसकी उम्मीद पहले से ही थी | शुरुआती रुझानों में जो बाइडेन आगे चल रहे हैं, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप ने कह दिया है कि वो चुनाव जीत चुके हैं |
ऐसे में अब ये लड़ाई अदालत और सीनेट के हवाले होती दिख रही है | क्योंकि अगर किसी भी उम्मीदवार ने मौजूदा नतीजों को नहीं माना, तो अमेरिकी इतिहास में ऐसी परिस्थिति खड़ी हो सकती है जो अभी तक सामने नहीं आई है |
स्विंग स्टेट्स से पलटेगी बाजी
6 स्विंग स्टेट यानी फ्लोरिडा, ओहायो, पेन्सेलवेनिया, मिशिगन, विस्कोनसिन और एरीज़ोना में ज़्यादातर राज्यों में ट्रंप आगे हैं | एरीज़ोना में बाइडेन आगे है, लेकिन पेन्सेलवेनिया, मिशिगन, विस्कोनसिन में ट्रंप आगे हैं | ये राज्य वो हैं, जिनमें जीत मिलने से पूरी बाजी पलट सकती है |
डोनाल्ड ट्रंप का आरोप
डोनाल्ड ट्रंप ने ट्विटर पर लिखा, ‘मैं आज रात बयान जारी करूंगा | एक बड़ी जीत.’ इसके बाद दूसरे ट्वीट में उन्होंने चुनाव में धांधली का आरोप लगाया | उन्होंने कहा, ‘हम चुनाव में आगे चल रहे हैं | नतीजों को प्रभावित करने की कोशिश हो रही है | हम उन्हें कभी ऐसा नहीं करने देंगे | मतदान बंद होने के बाद वोटिंग क्यों?’
वोटो की गिनती रोकी
पेन्सिलवेनिया, जॉर्जिया, मिशिगन और विस्कॉन्सिन में मतगणना रोकी गई है | देर रात होने की वजह से वोटो की गिनती रोकी गई |
ट्रंप की चेतावनी, सुप्रीमकोर्ट जायेंगे
नतीजों से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी बड़ा ऐलान किया है | उन्होंने कहा कि वह चुनाव में धांधली के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे | उन्होंने बड़ी जीत का भी दावा किया |
साल 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप से हारने वाली हिलेरी क्लिंटन ने ट्विटर पर दोबारा उसी पोस्ट को साझा किया जो उन्होंने चार साल पहले रिब्लिकन नेता से हारने के बाद साझा किया था. डेमोक्रेटिक पार्टी की 73 वर्षीय नेता ने चार साल पुराने संदेश के साथ ट्वीट किया, ‘‘निराश मत हों….(मतदान से).’’ उन्होंने चार साल पहले ट्वीट किया था, ‘‘ग्रंथ हमें बताते हैं, अच्छे कार्य करने से थके नहीं, खासतौर पर प्रतिकूल माहौल में, अगर हम निराश नहीं हो तो हम हासिल कर सकते हैं |’’ हिलेरी द्वारा नौ नवंबर 2016 को इस संदेश के साथ अपनी मुस्कुराती हुई तस्वीर साझा की गई थी |
अभी क्या है अमेरिका की स्थिति?
आपको बता दें कि अमेरिका के लोगों ने तीन नवंबर को मतदान किया है और मतदान खत्म होते ही गिनती शुरू हो गई है | मौजूदा डाटा के मुताबिक, जो बाइडेन करीब 238 इलेक्टोरल वोट पा चुके हैं जबकि डोनाल्ड ट्रंप के खाते में 213 वोट ही मिल पाए हैं| लेकिन, अभी ये सिर्फ शुरुआती आंकड़ा है और अंतिम आंकड़ा इससे काफी अलग हो सकते हैं | जीत का जादुई आंकड़ा 270 है |
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1. इस बार चुनाव नतीजों में इतनी देरी क्यों?
दरअसल, अमेरिकी चुनावी इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब दस करोड़ के करीब वोट सिर्फ मेल-इन के जरिए डाले गए हो | यानी इलेक्शन डे से पहले ही दस करोड़ लोगों ने मतदान कर दिया | जबकि इस बार के चुनाव के लिए कुल 16 करोड़ वोटरों ने ही रजिस्ट्रेशन करवाया था, ऐसे में आधे से अधिक वोट मेल के जरिए ही डाले गए हैं |
अब अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट्स की मानें, तो कुछ राज्यों ने अभी सिर्फ उन वोटों को ही गिना है जो 3 नवंबर को डाले गए हैं | यानी राज्यों ने अभी मेल-इन वोटों को नहीं खोला है | हालांकि, जो छोटे राज्य हैं वहां दोनों वोटों की गिनती हो रही है | यही कारण है कि मौजूदा नतीजों को कोई अंतिम नहीं मान रहा है और मेल-इन वोटरों को गिने जाने तक इंतजार करना पड़ रहा है | मेल-इन वोटों की पूरी काउंटिंग होने में कई दिनों का वक्त लग सकता है |
चुनावी अनिश्चितता के बीच अमेरिका बुधवार को पेरिस जलवायु संधि से औपचारिक रूप से अलग हो गया | राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ग्रीन हाऊस गैस के उत्सर्जन में कटौती से संबंधित इस ऐतिहासिक करार से अमेरिका को अलग करने का अपना इरादा 2017 में प्रकट किया था | उन्होंने पिछले साल संयुक्त राष्ट्र को औपचारिक रूप से इस संबंध में अधिसूचित किया था | अमेरिका अनिवार्य एक साल की प्रतीक्षावधि बुधवार को पूरा हो जाने पर इस करार से बाहर आ गया | इस ऐतिहासिक करार में धरती के बढ़ते तापमान को दो डिग्री के नीचे रखने की व्यवस्था पर बल दिया गया है | यह एक ऐसा आंकड़ा है जिसके संबंध में जलवायु विज्ञानियों का मानना है कि यदि तापमान इससे ऊपर गया तो विनाशकारी परिणाम हों |
ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने बुधवार को अमेरिकी चुनाव को लेकर अपने देश का रुख सामने रखा | उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण नहीं है कि कौन जीतता है बल्कि ये महत्वपूर्ण है कि अगला राष्ट्रपति ईरान प्रतिबंधों के लिए क्या कदम उठाता है | उन्होंने कहा, “जो हमारे लिए महत्वपूर्ण है वह यह है कि अमेरिका ईरानी राष्ट्र का सम्मान करे | हम प्रतिबंधों के बजाय सम्मान चाहते हैं, चाहे वह कोई भी हो | यदि वह अनुचित और अवैध प्रतिबंधों को हटा देता है और उसे सम्मान के साथ बदल देता है, तो हमारी स्थिति अलग हो होगी |