The state government is serious about farmers

प्रदेश सरकार किसान व किसानी के प्रति गंभीर, स्थापित कर रही उत्कृष्टता केंद्र- मुख्यमंत्री 

The state government is serious about farmers

The state government is serious about farmers

The state government is serious about farmers- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल (CM Manohar Lal) के नेतृत्व में विगत 8 वर्षों से प्रदेश सरकार (State Government) किसान व किसानी के प्रति गंभीर है और केंद्र सरकार की कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र की हर योजना को  अन्य राज्यों की तुलना में सबसे पहले मूर्तरूप दे रही है। किसानों (Farmer's) का रुझान पारंपरिक खेती के साथ-साथ अन्य नकदी फसलों की ओर बढ़े, इसके लिए न केवल केंद्र सरकार (Central Government) के बल्कि दूसरे देशों के सहयोग से उत्कृष्टता केंद्र खोल रही है, जिसके तहत किसानों को बागवानी व मत्स्य पालन के क्षेत्र में नई-नई तकनीकों की जानकारी दी जाती है और किसान इन्हें अपनाकर अपनी आय बढ़ा रहा है। 

मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल (CM Manohar lal) स्वयं किसानी से जुड़े रहे हैं व किसानों की दुःख-तकलीफ से भली-भांति परिचित हैं। किसान जमीन के साथ-साथ अपनी संतान को पानी भी विरासत में देकर जाए, इसके लिए मुख्यमंत्री ने एक अनूठी पहल करते हुए मेरा पानी, मेरी विरासत नाम से एक नई योजना आरंभ की, जिसके तहत धान के स्थान पर अन्य वैकल्पिक फसलों की खेती करने वाले किसानों को 7 हजार रुपये प्रति एकड़ वित्तीय सहायता दी जाती है।  इसके अलावा डिजिटल माध्यम से सरकारी योजनाओं का लाभ सीधा किसानों को दिया जा रहा है। प्रदेश का किसान आज नई तकनीक का उपयोग कर कम लागत में अधिक मुनाफा कमा रहा हैं। आज हमारे सामने प्रदेश में ऐसे कई उदाहरण है। हरियाणा के दो प्रगतिशील किसानों को पद्मश्री पुरस्कार मिल चुका है, जिसमें सोनीपत जिले के कंवल सिंह चौहान व करनाल जिले के सुलतान  सिंह शामिल हैं। इन दोनों किसानों को परम्परागत खेती से हटकर स्वीट कॉर्न व बेबी कॉर्न तथा मत्स्य पालन में उत्कृष्टता के लिए पद्मश्री पुरस्कार मिला है। मुख्यमंत्री ने एक और अनूठी पहल करते हुए जो प्रगतिशील किसान कम से कम 10 और किसानों को प्रगतिशील किसान बनने के लिए प्रेरित करेगा उसे किसान श्री पुरस्कार आरंभ करने की घोषणा की है। 

The state government is serious about farmers- बागवानी व मत्स्य पालन में आधुनिक तकनीक को बढ़ावा देने के लिए उत्कृष्टता केंद्रों की जा रही स्थापना

प्रदेश में बागवानी क्षेत्र में गुणवता व उत्पादन मे बढ़ोतरी के लिए 11 उत्कृष्टता  केंद्रों की स्थापना की गई है। इन उत्कृष्टता केंद्रों से अनेकों किसानों को जोड़ा गया है इसके अलावा, ‘विलेज ऑफ एक्सीलेंस‘ के माध्यम से भी बेहतर कृषि, बागवानी व पशुपालन में उल्लेखनीय उपलब्धियां दर्ज करने वाले गावों को चिन्हित किया गया है। किसान उत्पादक समूह सीधे बाजार से जुड़े  हैं। मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना के तहत बागवानी फसलों का 40 हजार रुपए प्रति एकड़ बीमा किया जाता है। राज्य में बागवानी का क्षेत्र पहले से कहीं अधिक बढ़ गया है। राज्य के किसानों का रूझान परंपरागत खेती की जगह बागवानी की ओर हो रहा है। करनाल में महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय स्थापित किया गया है। इस विश्वविद्यालय की ओर से किए जा रहे नए शोध और विकसित की जा रही तकनीकों का लाभ किसानों को सीधे मिल रहा है।

The state government is serious about farmers- हरियाणा में पैक हाउस से बदल रही खेती-किसानों की तकदीर, बागवानी क्षेत्र में आ रही है क्रांति

किसानों की आमदनी बढ़ाने के साथ-साथ कृषि उत्पादों की धुलाई, ग्रेडिंग और पैकेजिंग का काम आसानी से हो, इसके लिए सरकार पैक हाउस  स्थापित करने वाले किसानों को सब्सिडी प्रदान कर रही है। हरियाणा सरकार ने बागवानी फसलों की खेती को अधिक बढ़ावा देने व आय बढ़ाने के लिए चालू वित वर्ष के अंत तक 100 पैक हाउस स्थापित करने का लक्ष्य रखा है।

The state government is serious about farmers- हरियाणा को मिला चुका है बेस्ट स्टेट का पुरस्कार

कृषि क्षेत्र में नीतियां बनाने, उत्पादन, प्रौद्योगिकी, विपणन, मूल्यवर्धन, बुनियादी ढांचे और निर्यात के क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्यों के लिए भारतीय कृषि एवं खाद्य परिषद द्वारा इंडिया एग्री बिजनेस अवार्ड-2022 में हरियाणा को बेस्ट स्टेट का पुरस्कार भी दिया जा चुका है।

The state government is serious about farmers- गन्नौर में होगी एशिया की सबसे बड़ी हार्टिकल्चर मार्केट

सोनीपत के गन्नौर में एशिया की सबसे बड़ी हार्टिकल्चर मार्केट बनाने जा रही है। इसके बनने से किसान अपने उत्पाद को एक स्थान पर बेचकर अधिक लाभ कमा सकेंगे। हरियाणा का किसान अनाज के साथ-साथ फल, सब्जियां और फूल की खेती करके देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर रहा है। आज हरियाणा कृषि के क्षेत्र में देश के स्तर पर उत्पादन के साथ-साथ गुणवत्ता में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। इसके साथ-साथ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की लगभग 5 करोड़ की आबादी की दैनिक जरूरतों को पूरा करने में आगे आ रहा है। 

 

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