By: Rochita
july 23 , 2025
अत्यधिक मानसिक तनाव ऑफिस, परिवार, या पढ़ाई का दबाव लंबे समय तक रहे तो दिमाग पर असर पड़ता है और पैनिक अटैक हो सकता है।
पुराना आघात बचपन में हुई कोई बुरी घटना, हादसा या शोषण — इनका असर दिमाग पर रह जाता है और यह पैनिक अटैक को ट्रिगर कर सकता है।
भविष्य को लेकर अत्यधिक चिंता "क्या होगा" वाली सोच, जैसे नौकरी छूट जाएगी, बीमारी हो जाएगी, आदि डर पैनिक अटैक को जन्म देते हैं।
जैविक या आनुवांशिक कारण अगर परिवार में किसी को पैनिक डिसऑर्डर या मानसिक बीमारी रही है, तो आपकी संभावना भी बढ़ जाती है।
नींद की कमी लगातार कम नींद लेने से मस्तिष्क थक जाता है, जिससे चिंता और घबराहट बढ़ती है।
कैफीन, शराब या नशीले पदार्थों का सेवन ज़्यादा कैफीन (जैसे कॉफी), शराब, या नशे की चीज़ें पैनिक अटैक का ट्रिगर बन सकती हैं।
स्वास्थ्य की अत्यधिक चिंता खुद की हेल्थ को लेकर अत्यधिक डर — जैसे हल्का दर्द भी हार्ट अटैक लगना — पैनिक अटैक को जन्म देता है।
हार्मोनल बदलाव खासकर महिलाओं में पीरियड्स, प्रेग्नेंसी या मेनोपॉज़ के दौरान हार्मोनल बदलाव से मानसिक असंतुलन हो सकता है।
जब इंसान खुद को अलग-थलग महसूस करता है, तो अंदर ही अंदर डर बढ़ता है जो पैनिक अटैक में बदल सकता है।