नयी दिल्ली, 18 सितम्बर: कोरोना महामारी के प्रकोप से निपटने के संसाधन जुटाने की मुहिम में सांसदों के वेतन में 30 प्रतिशत की कटौती करने वाले ‘‘संसद सदस्य वेतन, भत्ता और पेंशन (संशोधन) विधेयक 2020” पर शुक्रवार को संसद ने मुहर लगा दी.!
राज्यसभा ने संक्षिप्त चर्चा के बाद आज इसे पारित कर दिया जबकि लोकसभा इसे पहले ही स्वीकृति दे चुकी है.
संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि संकट के इस समय में राजनीति नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि संकट के समय में सरकार को धन की जरूरत है और संसद को इस संबंध में अपने खर्चों में कटौती कर आदर्श उपस्थित करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि यह समय कोरोना से लड़ाई का है और इस समय हर स्तर पर सरकार को इस महामारी से लड़ने के लिए पैसे की आवश्यकता है। सांसद निधि को स्थगित करने का फैसला अस्थायी है और इसे बाद में बहाल कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सभी मंत्रियों को स्पष्ट निर्देश हैं कि कोरोना मामले में किसी तरह की राजनीति नहीं की जानी चाहिए।
सरकार कोरोना को हराना चाहती है और इसे सामूहिक रूप से ही मदद करके हराया जा सकता है इसलिए सांसदों के वेतन में कटौती का निर्णय लिया गया।
