Legislators will now be able to spend money in cities as well
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Haryana : विधायक अब शहरों में भी खर्च कर सकेंगे पैसे, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने की घोषणा

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Legislators will now be able to spend money in cities as well

Legislators will now be able to spend money in cities as well : चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज विधानसभा बजट सत्र के दौरान सदन में घोषणा करते हुए कहा कि विधायक आदर्श ग्राम योजना के तहत अब विधायक 2 करोड़ रुपये की राशि गांवों के साथ-साथ शहरों में भी खर्च कर सकेंगे। अब इस योजना को भी विधायक आदर्श नगर एवं ग्राम योजना कहा जाएगा। इस योजना के तहत विकास एवं पंचायत विभाग के निदेशक नोडल अधिकारी होंगे। उन्होंने कहा कि यदि कोई अधिकारी यूसी समय पर नहीं देता तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि हिसार जिला के गांव बालसमंद में बनने वाले कन्या महाविद्यालय का नाम स्वर्गीय चौधरी भजनलाल के नाम पर रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021-22 में 4 हजार प्ले-वे स्कूल खोलने की घोषणा के अलावा वर्ष 2023-24 में 4 हजार प्ले-वे स्कूल खोले जाएंगे। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री के तौर पर मुझे पर लगातार चौथा बजट पेश करने का मौका मिला। बजट बनाने से पहले सभी हितधारकों से सुझाव लेने की पहल शुरू की थी। इस बार भी 700 सुझाव आए, जिनमें से अधिकांश सुझावों, जो व्यवहार्य थे, उनको शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर के अलावा गवर्नेंस में बदलाव के लिए कई अन्य क्षेत्रों पर भी हमने ध्यान दिया है। हमें नागरिकों के कल्याण के लिए राजनीतिक विचारधाराओं से ऊपर उठना होगा। भौतिक विकास के अलावा व्यवस्था परिवर्तन के कामों पर भी बजट का एक बहुत बड़ा हिस्सा खर्च होता है। इसलिए दूरदर्शिता की सोच के साथ काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सदन में विधानसभा क्षेत्रों के अनुसार जो भी मांग रखी गई है, उन पर विभाग विचार करेंगे। मुख्यमंत्री के बजट अनुमानों पर जवाब के बाद विधानसभा में वित्त वर्ष 2023-24 के बजट को सर्वसम्मति से पारित किया गया।
 

प्रदेश में बड़ी निवेश की रफ्तार

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे कार्यकाल में प्रदेश में निवेश की रफ्तार बड़ी है। जनसंख्या के आधार पर हरियाणा निवेश के मामले में देश में तीसरे नंबर पर है। पहले स्थान पर प्रति व्यक्ति निवेश यानी 303 रुपये के साथ कर्नाटक पहले स्थान पर, 108 रुपये के साथ महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर तथा हरियाणा में 90 रुपये है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में वर्ष 2023-24 में 7341 करड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जोकि कुल बजट का 3.9 प्रतिशत है। जबकि वर्ष 2022-23 के संशोधित अनुमानों में 5758 करोड़ रुपये तथा वर्ष 2021-22 में 4100 करोड़ रुपये आवंटित किया गया था। वर्ष 2014-15 में 2156 करोड़ रुपये आवंटित किया गया था, जोकि कुल बजट का 3.4 प्रतिशत था। उन्होंने कहा कि हरियाणा का वित्त प्रबंधन अच्छा है। केंद्र की ओर से दिए जाने वाली वित्तीय सहायता का अपना एक पैमाना होता है, जो राज्य प्रगित करते हैं, उन्हें कम सहायता मिलती है और जो राज्य थोड़े पिछड़े हुए होते हैं, उन्हें अधिक मदद मिलती है। हरियाणा निरंतर प्रगति कर रहा है। सदन में सदस्यों द्वारा जीएसटी पर ऋण लिये जाने से संबंधित स्थिति को स्पष्ट करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद कुछ समय के लिए केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को 14 प्रतिशत कम्पनसेेशन देने की बात कही थी। जीएसटी काउंसिल के निर्णय के अनुसार जितना पैसा राज्यों को देना बकाया है, उसके लिए ऋण लिया गया है। यह ऋण राज्य सरकार के ऋण खाते में दर्शाया जाता है। हालांकि, यह ऋण केंद्र सरकार द्वारा ही वापिस किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में लगभग 10 हजार करोड़ रुपये पुरानी पेेंशन योजना के तहत दिया जा रहा है। नई पेंशन योजना के तहत लगभग 1225 करोड़ रुपये दिये जा रहे हैं। भविष्य में यह 10 हजार करोड़ रुपये नई पेंशन योजना में चले जाएंगे।


विपक्ष कर्ज के आंकड़ों को बताता है गलत, जबकि वर्तमान में कर्ज घटा है

श्री मनोहर लाल ने सदन में स्पष्ट करते हुए कहा कि पब्लिक डेब्ट यानी कर्ज के अंदर तीन मद शामिल होते हैं। विपक्ष इन सभी मदों को एक साथ मिलाकर कर्ज के आंकड़े बताता है, जोकि सही नहीं है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014-15 में स्टेट पब्लिक इंटरप्राइजेज के तहत कर्ज 69,922 करोड़ रुपये था, जबकि वर्ष 2021-22 में 47,211 करोड़ रुपये है। इसी प्रकार वर्तमान में कर्ज घटा है। उन्होंने कहा कि हमारी जीएसडीपी लगातार बढ़ रही है और वर्तमान में यह लभगग 10 लाख करोड़ तक हो गई है। कर्ज की सीमा जीएसडीपी के 25 प्रतिशत थी, जो कोविड के दौरान 33 प्रतिशत कर दी गई थी। हम आज भी 26-27 प्रतिशत के अंदर है। जबकि पंजाब आज 48 प्रतिशत पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण पर 14,334 करोड़ रुपये का कर्ज चला आ रहा था, जिसे हमने 6000 करोड़ रुपये कम करके 8,434 करोड़ रुपये पर लेकर आए हैं। इसी प्रकार, हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम पर 13,881 करोड़ रुपये का कर्ज था, इसमें भी हमने लगभग 7 हजार करोड़ रुपये कम करके 6,944 करोड़ रुपये पर लेकर आए हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014-15 बिजली निगमों पर लगभग 37 हजार करोड़ रुपये से अधिक कर्ज था, जो अब घटकर 14,800 करोड़ रुपये रह गया है। उन्होंने कहा कि बिजली निगमों का 25,850 करोड़ रुपये उद्य स्कीम का राज्य सरकार अपने कर्ज के खाते में लिया था। यदि यह कर्ज बिजली निगमों पर रहता तो उन पर बहुत दबाव बना रहना था, लेकिन आज बिजली निगम लाभांश में है।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गलत आंकड़े देना उनकी स्वयं की छवि को करता है घूमिल

सदन में नेता प्रतिपक्ष श्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा सरकार पर कर्ज से संबंधितए दिए गए आंकड़ों पर मुख्यमंत्री ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि  22 नवंबर, 2022 से लेकर अब तक 5 बार उन्होंने अलग - अलग कर्ज के आंकड़े दिए हैं। इस प्रकार के गलत आंकड़े देना नेता प्रतिपक्ष की ही छवि को ही धूमिल करता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लगातार भौतिक विकास के साथ-साथ सामाजिक सुधार के काम भी कर रही है। हम विपक्ष की आलोचनाओं से नहीं डरते हैं, बल्कि हमारे व्यवस्था परिवर्तन के काम लगातार जारी रहेंगे।

लोकल ऑडिट सिस्टम को करेंगे मजबूत

श्री मनोहर लाल ने कहा राज्य सरकार पंचायती राज संस्थाओं व नगर निकायों को स्वायत्त करने की ओर अग्रसर है। वे अपना बजट खुद बनायेंगे और स्वयं खर्च करेंगे। केंद्र व राज्य वित्त आयोग से मिलने वाले पैसे मिलते रहेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार लोकल ऑडिट सिस्टम को प्रभावी बना रही है। जनता का जो भी पैसा विकास कार्यों पर खर्च होगा, उन सभी का ऑडिट किया जाएगा।

बारिश से हुए नुकसान की विशेष गिरदावरी के आदेश

हरियाणा में हो रही बेमौसमी बारिश व ओलावृष्टि के मद्देनजर प्रदेश सरकार ने विशेष गिरदावरी के आदेश जारी किए हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंगलवार को विधानसभा में यह ऐलान किया। विधानसभा में शून्यकाल की कार्यवाही शुरू होने से पहले कांग्रेस विधायक शमशेर गोगी ने यह मुद्दा सदन के समक्ष उठाया। गोगी ने कहा कि प्रदेश में बेमौसमी बारिश व ओलावृष्टि के कारण फसलें बर्बाद हो रही हैं। गोगी ने कहा कि इस समय प्रदेश के कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां खेतों में पानी खड़ा है और गेहूं की तैयार फसल डूब चुकी है। इस पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गिरदावरी के आदेश जारी करते हुए किसानों से आग्रह किया कि वह अपनी फसल के नुकसान की जानकारी ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल पर तय समय यानी 72 घंटे में दर्ज करना सुनिश्चित करें ताकि खराब हुई फसलों का समय पर मुआवजा उन्हें दिया जा सके। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार अपने किसान भाइयों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। किसानों के हितों की रक्षा और उनका कल्याण सुनिश्चित करना हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसलिए किसान भाई भी पोर्टल पर अपनी फसल क्षति की जानकारी जल्द से जल्द अपलोड करें ताकि उचित सत्यापन के बाद उन्हें मुआवजे का भुगतान किया जा सके।

सरकारी इमारतों पर लगे पोस्टरों से सदन में हंगामा

हरियाणा की सरकारी इमारतों तथा राष्ट्रीय राज मार्गों पर बने पुलों के पिल्लरों पर लगे पोस्टरों का मुद्दा आज विधानसभा में उठ गया। इसे लेकर सरकार तथ विपक्ष मेें तीखी बहस हुई। रोहतक विधायक भारत भूषण बतरा ने कहा कि सरकार की विज्ञापन पॉलिसी ही नहीं है। दीवारों व फ्लाईओवर आदि पर लगे पोस्टरों की वजह से शहरों की सुंदरता पर असर पड़ रहा है। इससे प्रदूषण भी फैल रहा है। बतरा ने कहा कि पूरे प्रदेश में लगे यूनिपोल गैर-कानूनी हैं। निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने बताया कि रोहतक नगर निगम में ऐसे 300 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है। मामला बढ़ता दिखा तो गृह मंत्री अनिल विज ने कहा, कांग्रेस ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान पोस्टर लगाने से किसी दीवार और सडक़ को नहीं छोड़ा था। पूरे प्रदेश की सुंदरता को बिगाडऩे का काम किया। उनके इतना कहते ही कांग्रेसी भडक़ उठे और काफी हंगामा हुआ। कमल गुप्ता ने जब पूर्व की सरकारों के पचास वर्षों का जिक्र करना चाहा तो मामला और भी बिगड़ गया। हालांकि यह बात सत्तापक्ष के लोग भी नहीं समझ पाए कि इतना पुराना इतिहास छेडऩे की जरूरत कहां आन पड़ी थी। बाद में जैसे-तैसे यह मामला शांत हुआ।

विधानसभा में उठा नये उपमंडल व उप-तहसील बनाने का मुद्दा

हरियाणा में नये जिलों, उपमंडल, तहसील व उप-तहसील बनाने को लेकर अब सरकार एफसीआर तथा राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक और कमेटी का गठन करेगी। यह कमेटी परिवार पहचान-पत्र में दर्ज आंकड़ों के हिसाब से प्रदेश की आबादी के आंकड़ों का आकलन करेगी। इसके हिसाब से कमेटी सिफारिश करेगी। जिलों के डीसी को भी पीपीपी के आधार पर ही अपनी सिफारिश करने को कहा है। मंगलवार को भी विधानसभा में कई विधायकों ने नये उपमंडल और तहसील बनाए जाने की मांग सदन में उठाई। कोसली विधायक लक्ष्मण यादव ने कहा कि उनके हलके के अंतर्गत आने वाले डहीना कस्बे को उपमंडल का दर्जा दिया जाए। इससे पहले अटेली विधायक सीताराम भी अटेली को सब-डिवीजन बनाने की मांग कर चुके हैं। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत सिंह चौटाला ने कहा कि सरकार जल्द ही वित्तायुक्त की अध्यक्षता में कमेटी का गठन करेगी। यह कमेटी नई उप-तहसील, तहसील, उपमंडल और जिला के गठन के लिए नियम आदि तय करेगी। यहां बता दें कि सरकार ने दुष्यंत की अध्यक्षता में कैबिनेट सब-कमेटी का भी गठन किया हुआ है। यह कमेटी जिला उपायुक्तों की रिपोर्ट और सिफारिश के अनुसार काम करती है। अभी तक प्रदेश के पास 2011 की जनगणना के आंकड़े हैं। 2021 की जनगणना का काम अभी नहीं हुआ है। दुष्यंत ने कहा कि राज्य सरकार के पास पीपीपी का विश्वसनीय डाटा बन रहा है। उसी के आधार पर उपायुक्त की अध्यक्षता में कमेटी अपना अगला निर्णय लेकर मंत्रियों की कमेटी को रिपोर्ट भेजेगी। यह कमेटी जनसंख्या, गांव आदि के आधार पर अपनी रिपोर्ट बनाकर पेश करेगी। इसके बाद ही नई उप-तहसील, तहसील, उपमंडल और जिला के गठन की कार्रवाई की जाएगी। अगर डहीना भी कमेटी की रिपोर्ट पर खरा उतरेगा तो उपमंडल बनाने पर विचार किया जा सकता है।

हरियाणा में सवा नौ लाख एकड़ भूमि सेम की चपेट में

हरियाणा में इस समय नौ लाख एकड़ से अधिक भूमि सेम की चपेट में है। इस भूमि को सेम मुक्त करवाने के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई योजना में शामिल होने के लिए चार हजार से अधिक किसानों ने पंजीकरण करवाया है। यह समस्या रोहतक और झज्जर जिला में सबसे अधिक है। धान बाहुल्य जीटी रोड बेल्ट में सेम की समस्या नहीं है। सरकार ने भूमि सुधार के लिए कार्यक्रम भी शरू किया है। रोहतक में 61.47 प्रतिशत तो झज्जर में 40.77 फीसदी भूमि सेमग्रस्त है। इसी तरह से सोनीपत में 32.95 और भिवानी में 13.19 प्रतिशत भूमि सेमग्रस्त है। कुल 1.10 करोड़ एकड़ भौगोलिक क्षेत्र में से 9.28 लाख एकड़ भूमि सेमग्रस्त है। इसमें 8.08 लाख एकड़ डेढ़ तीन मीटर और 1.74 लाख एकड़ डेढ़ मीटर तक सेमग्रस्त हो चकी है। करनाल, पानीपत, कुरुक्षेत्र, कैथल, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, फरीदाबाद व पंचकूला में सेम की शिकायत नहीं है। कृषि मंत्री जेपी दलाल ने बताया कि प्रदेश में 0 से डेढ़ मीटर गहराई तक 1.58 फीसदी और 7.31 फीदसी एकड़ रकबा 1.5 से 3.0 मीटर तक सेमग्रस्त हो चुका है। कृषि अधिकारियों का कहना है कि जमीन के सेमग्रस्त होने से फसल उत्पादन प्रभावित होता है। पिछले एक साल में 20839 एकड़ रकबे का सुधार किया गया है, यह जल निकासी से किया गया है। इसमें सिरसा में 1445, निरबाण में 740 एकड़, नाथूसरी कलां और खुर्द में 2625 एकड़, रुपाना में 775 एकड़ का सुधार किया है। भिवानी में 600, सोनीपत में 4093, रोहतक में 3050, हिसार में 5713, फतेहाबाद में 1050, जींद में 248, गुरुग्राम में 500 एकड़ में सुधार किया गया है। किसानों से उनकी जलग्रस्त एवं लवणीय भूमि के सुधार की इच्छा जानने के लिए पोर्टल सेम एवं कल्लर भूमि सुधार योजना के तहत 4355 किसानों ने 25426 एकड़ भूमि के लिए आवेदन किया है। पिछले 24 सालों में केवल 28100 एकड़ भूमि का सुधार किया गया। अब 25 हजार एकड़ के सुधार का लक्ष्य इस साल निर्धारित किया है।

 

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