उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में 13 दिसंबर को लगेगी लोक अदालत, मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को दिए निर्देश

Lok Adalat to be held in all districts on December 13, Chief Secretary issues instructions to Distri

Lok Adalat to be held in all districts on December 13, Chief Secretary issues instructions to Distri

Lok Adalat to be held in all districts on December 13, Chief Secretary issues instructions to District Magistrates- उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव एसपी गोयल ने 13 दिसंबर को प्रदेशभर में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत की तैयारियों की समीक्षा करते हुए सभी जिलाधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विस्तृत दिशा-निर्देश दिए।  

उन्होंने अधिकारियों से कहा कि इस लोक अदालत को अब तक की सबसे सफल लोक अदालत बनाने के लिए अधिकतम संख्या में प्री-लिटिगेशन मामलों की पहचान कर उनके समयबद्ध निस्तारण पर विशेष ध्यान दिया जाए, ताकि आमजन को शीघ्र, सुलभ और सस्ता न्याय सुनिश्चित हो सके। 

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि लोक अदालत की जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार अभियान चलाया जाए। सभी विभाग अपने-अपने संबंधी प्रकरणों का पूर्व चिन्हांकन कर तैयारी पूरी करें। उन्होंने कहा कि लोक अदालत से एक दिन पूर्व तहसील प्रशासन की ओर से जन-जागरूकता अभियान चलाया जाए, ताकि अधिकतम लोग इसका लाभ ले सकें। साथ ही, बार एसोसिएशन के सदस्यों के साथ बैठक कर आयोजन की रूपरेखा मजबूत की जाए। 

मुख्य सचिव ने बताया कि वर्ष 2025 में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा), नई दिल्ली के निर्देशन में अब तक तीन राष्ट्रीय लोक अदालतों का सफल आयोजन किया जा चुका है, जिनमें उत्तर प्रदेश ने अन्य राज्यों की तुलना में सर्वाधिक मामलों का निस्तारण कर उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। 

उन्होंने कहा कि यह सफलता न्यायालयों, जिला एवं पुलिस प्रशासन, अधिवक्ता समुदाय तथा सभी विभागों के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है। आगामी लोक अदालत में भी इसी समन्वय के साथ कार्य करने की अपेक्षा की गई है। इस अवसर पर विशेष सचिव न्याय बाल कृष्ण एन. रंजन ने बताया कि 8 मार्च 2025 को 1,08,39,303 मामले, 10 मई 2025 को 1,04,80,957 मामले, 13 सितंबर 2025 को 1,22,01,543 मामले निस्तारित किए गए। इस प्रकार वर्ष 2025 में अब तक कुल 3,35,21,803 मामलों का सफल निस्तारण किया गया है, जिनमें प्री-लिटिगेशन एवं लंबित दोनों प्रकार के मामले शामिल हैं।