Himachal Results: कांग्रेस में मुकेश, सुक्खू और प्रतिभा सिंह बीच मुख्यमंत्री पद की लड़ाई तेज

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संदीप उपाध्याय: शिमला. Himachal Results: विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद कांग्रेस हाईकमान के समक्ष बड़ी चुनौती मुख्यमंत्री चुनने की खड़ी हो गई है। हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री चुनना कांग्रेस हाईकमान के आसान काम नहीं है। मुख्यमंत्री पद के लिए प्रमुख दावेदारों में विधानसभा में विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री, कांग्रेस चुनाव प्रचार कमेटी के प्रमुख सुखविंदर सिंह सुक्खू और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह के बीच कड़ा मुकाबला होना तय है। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के निधन के बाद कांग्रेसी नेताओं की दूसरी पीढ़ी को मुख्यमंत्री पद सौंपना आसान काम नहीं होगा। मुख्यमंत्री पद के दावेदारों के बीच अभी नहीं तो फिर कभी नहीं वाली स्थिति नजर आ रही है। अब जिसके सिर मुख्यमंत्री का ताज सजेगा, आगे कई बर्षों की सियासत उसकी चेहरे पर होगी। इस कारण मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में से कोई भी आसानी से मैदान छोड़ने वाला नहीं है। जिससे तय है कि कांग्रेस हाईकमान को मुख्यमंत्री चुनने में बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा। यह तो तय है कि तीन दावेदारों में से एक को मुख्यमंत्री चुना जाएगा, लेकिन तीनों के बीच मुख्यमंत्री पद की लड़ाई के लिए कौन सा फामॅूला काम करेगा, ऐसा अभी तक कुछ नजर नहीं आ रहा है। 

हिमाचल विधानसभा के चुनाव परिणाम सामने आने पर कांग्रेस को 40 सीटों के साथ चुनाव जीत गई है। जिससे अब कांग्रेस को अपने विधायकों को बचाकर सरकार बनाने का है। कांग्रेस हाईकमान के आदेश में कांग्रेस के जीते हुए सभी नेता चंडीगढ़ पहुंचेंगे। इसके बार पर्यवेक्षक भूपेश बघेल, हिमाचल प्रभारी राजीव शुक्ला के साथ मुख्यमंत्री चेहरे के लिए मंथन होगा। हिमाचल में कौन होगा मुख्यमंत्री, इसका फैसला विधायकों से चर्चा करने के बाद प्रियंका गांधी ही करेंगी। मुख्यमंत्री पद दावेदार मुकेश अग्निहोत्री, सुखविंदर सिंह सुक्खू और प्रतिभा सिंह भी अपने समर्थक विधाधकों के साथ बैठक में शामिल होने की रणनीति बना रहे हैं और अपने समर्थक विधायकों को साथ ले जाने की रणनीति में जुटे हैं। मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदार मुकेश अग्निहोत्री का दावा है कि पांच साल विपक्ष के नेता के तौर पर सरकार के खिलाफ सदन से सड़क तक लड़ाई लड़ी, जिसके कारण ही कांग्रेस ने हिमाचल में जीत दर्ज की। अग्निहोत्री ने लगातार पांच साल सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलकर रखा और जनता के हर मुद्दे को उठाकर कांग्रेस को फ्रंटफुट पर रखने में कामयाब रहे हैं। अग्निहोत्री हरोली से लगातार पांचवीं बार जीत दर्ज की है। उनके पास पूर्व में कैबिनेट मंत्री के रुप में कार्य करने का अनुभव है। कांग्रेस हाईकमान लंबे समय बाद निचले हिमाचल से मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय ले सकती है। अग्निहोत्री पहली बार निचले हिमाचल से विधानसभा में विपक्ष के नेता बने हैं। वहीं प्रचार कमेटी के प्रमुख सुखविंदर सिंह सुक्खू भी मुख्यमंत्री पद के बड़े दावेदार है। सुक्खू कांग्रेस कैडर से जुड़े नेता है जो एनएसयूआई, युवा कांग्रेस और फिर कांग्रेस के भी अध्यक्ष रहे हैं। सुक्खू भी अपने समर्थक विधायकों के सहारे मुख्यमंत्री पद को हासिल करने की रणनीति बनाने में जुटे हैं। सुक्खू की रणनीति भी यह होगी कि विधायकों के समर्थन के साथ वह हाईकमान के समक्ष अपनी दावेदारी को मजबूत करें। अब देखना है कि सुक्खू 40 में से कितने विधायकों का समर्थन हासिल करने में सफल होते हैं। सुक्खू को संगठन का लंबा अनुभव तो है लेकिन सरकार में वह अभी तक किसी पद पर नहीं रहे हैं। वहीं कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी मुख्यमंत्री पद की प्रमुख दावेदार हैं। उनका दावा है कि कांग्रेस पार्टी ने यह चुनाव दिवंगत वीरभद्र सिंह के नाम पर चुनाव लड़ा है। जिससे प्रदेश के लोगों ने कांग्रेस को वीरभद्र सिंह के विकास के दम पर जीत दिलाई है। जिससे मुख्यमंत्री पद पर वीरभद्र सिंह परिवार की दावेदारी ही है। प्रतिभा सिंह ने परिणाम आने से पहले भी मुख्यमंत्री पद पर दावेदारी जता दी है। वहीं प्रतिभा सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने भी कहा कि वह प्रतिभा सिंह के मुख्यमंत्री बनने पर अपनी विधानसभा की सीट छोड़ने को तैयार है। जिससे साबित होता है कि प्रतिभा सिंह भी मजबूत दावेदार हैं। यह भी तय है कि प्रतिभा सिंह भी अपने समर्थक विधायकों के सहारे हाईकमान के समक्ष दावेदारी को मजबूत करेंगी। अब देखना है कि कांग्रेस पर्यवेक्षकों के संग विधायकों के मीटिंग में कौन दावेदार अधिक विधायकों का समर्थन हासिल करना है। इसके बाद हाईकमान विधायकों के समर्थन के आधार पर मुख्यमंत्री का चुनाव करेगा। 
चुनावों से पहले भी कांग्रेस नेताओं के बीच प्रदेशाध्यक्ष सहित मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर लड़ाई हो रही थी। जिस पर हाईकमान ने चुनावों में गुटबाजी पर विराम लगाने के लिए मुकेश अग्निहोत्री को विधानसभा में विपक्ष के नेता पद की जिम्मेदारी जारी रखी तो सुक्खू को प्रचार कमेटी का अध्यक्ष बनाकर संतुलन बनाया। इसके साथ ही प्रतिभा सिंह को प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। जिससे चुनावों से पहले कांग्रेसी नेताओं की गुटबाजी पर काबू करने में कामयाब रही है। अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री का चुनाव करने के लिए कांग्रेस कौन सा फॉमूला अपनाती है, जिससे कांग्रेस की सरकार मजबूत के साथ पांच साल चलती रहे। 
चुनावी परिणाम में यह बात भी महत्वपूर्ण है कि मुकेश अग्निहोत्री के जिले ऊना की पांच सीटों में से चार कांग्रेस के खाते में आई हैं और एक भाजपा के खाते में है। वहीं सुक्खू के जिले हमीरपुर में विधानसभा की पांच सीटों में से 4 पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है और एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है। वहीं प्रतिभा सिंह के संसदीय क्षेत्र मंडी से मंडी जिले की नौ सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की है। जिससे साफ है कि मंडी जिले में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सभी सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रहे हैं। मुख्यमंत्री पद के दावेदार हाईकमान के समक्ष बैठक में मंडी में कांग्रेस की हार का मुद्दा भी उठाएंगे। अब देखना है कि हाईकमान किसे मुख्यमंत्री चुनती है। लेकिन कांग्रेस हाईकमान के लिए मुख्यमंत्री चुनना आसान नहीं है। यह फैसला एक मीटिंग में हो जाए, इसकी संभावना भी कम है।

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