Inspection of Jeev Daya Kendra: यू. के. लंदन से आये विजि़टरर्स ने किया जीव दया केन्द्र का निरिक्षण

Inspection of Jeev Daya Kendra

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पक्षियों के अभयदान व मानवता का प्रतीक बन रहा है जैन जीव दया केन्द्र

यमुनानगर, 6 दिसम्बर (जैन): Inspection of Jeev Daya Kendra: आज जहां एक तरफ मनुष्य दूसरे मनुष्य की परवाह(human care) नहीं करता, इतना ही नहीं यदि कोई व्यक्ति सड़क पर पड़ा तड़प रहा(lying on the street) हो तो भी उसकी मदत के लिये कोई आगे आने को तैयार नहीं होता है। इसके विपरीत भारतीय जैन मिलन(Indian Jain Milan) ने मानवता की अनोखी मिसाल प्रस्तुत करते हुये पक्षियों के निशुल्क ईलाज के लिये एक अस्पताल स्थापित किया है। यमुना किनारे स्थित शमशान भूमि(cremation ground) में बनाये गये इस जीव दया केन्द्र में सभी प्रकार के पक्षियों का ईलाज किया जा रहा है। इसी श्रंखला में लंदन यू. के. फॉर्नर ग्राहम, लिज़, रवि जैन, सुमि जैन ने निरिक्षण किया और मिलन द्वारा चलाए जा रहे जीव दया केन्द्र की प्रशंसा की। ग्राहन ने कहा कि यह एक बहुत सुन्दर व प्रेरणादायक केन्द्र है और वह लंदन में भी इस प्रकार का केन्द्र स्थापित कर जीवों की सेवा का प्रयास करेगें।

इस केन्द्र की स्थापना

इस केन्द्र की स्थापना भागवान महावीर स्वामी के जियो और जीने दो के पवित्र उद्देश्य को लेकर की गई है। शाखा प्रधान महेश जैन व केन्द्र संयोजक संदीप जैन ने बताया कि केन्द्र में लगभग 10 पक्षी प्रतिदिन ईलाज के लिये लाये जाते है और लगभग 350 पक्षियों का ईलाज प्रति माह किया जा रहा है, और इन पक्षियों के स्वस्थ होने पर उन्हे खुले आसमान में छोड़ दिया जाता है। केन्द्र में डाक्टर व स्टाफ अपनी सेवा निरंतर दे रहे है। घायल व बीमार पक्षियों को पूर्ण चिकित्सा के पश्चात स्वस्थ पक्षियों को पुन: आकाश में स्वतंत्र उड़ान भरने के लिये छोड़ दिया जाता है। सहयोगी सुशील जैन व आशीष जैन ने कहा कि यह अस्पताल समाज के सहयोग से लगभग 40 लाख रुपये की लागत से तैयार किया गया है। उन्होंने सभी जिलावासियों से अपील करते हुये कहा कि आस-पास के  किसी भी क्षेत्रों में कोई घायल व बीमार पक्षी दिखाई देता है जो उडऩे, चलने आदि से लाचार हो उसे उपचार के लिये जैन जीव दया केन्द्र में पहुँचा सकते है। इसके अलावा केन्द्र की हैल्प लाईन नम्बर पर फोन कर के भी इन पक्षियों की सहायता की जा सकती है।

अभयदान व मंगलमय जीवन का संदेश

जैन मिलन के जिला प्रधान महेश जैन ने बताया कि इस प्रकार का केन्द्र प्रत्येक पक्षी को अभयदान व मंगलमय जीवन का संदेश देता है। हमें भगवान महावीर के द्वारा बताये संदेशों का पलन करना चाहिये, क्योंकि जीव सेवा ही सच्ची सेवा है। केन्द्र में घायल पक्षियों के आप्रेशन तक की सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि मानव जीवन की श्रेष्ठता उनके अच्छे कर्मों के आधार पर प्रभावित होती है। अच्छे कर्म के फल स्वरूप प्राप्त किया हुआ यह मानव जीवन पुण्य प्रभा का प्रतीक है। लोगों से अपेक्षा की जाती है कि वह भविष्य में भी तन-मन-धन से सेवा करेगें। डा. तोमर ने कहा कि पशुपालन विभाग से रिटायर्ड होने के बाद मुझे पक्षियों की सेवा करने में मावता धर्म दिखाई देता है, इसी कारण वह जीव दया केन्द्र में आकर पक्षियों की निशुल्क सेवा करते है। उन्होंने बताया कि इस कार्य में सेवादार सोमनाथ और सहायक राजेश कुमार का पूरा सहयोग मितला है।

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