धारा-17 ए व 19 के मामलों पर मंडल आयुक्त लेंगे फैसला

Haryana Government

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ग्रुप बी,सी व डी में एक करोड़ तक के भ्रष्टाचार पर उपायुक्त करेंगे कार्रवाई

चंडीगढ़, 28 नवंबर। Haryana Government: हरियाणा सरकार ने भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई को मजबूती से करने के लिए सतर्कता ब्यूरो के एसपी, आईजी व डीआईजी को निर्देश दिए हैं कि वह धारा 17-ए व धारा-19 की स्वीकृति का मामला सीधे मंडलायुक्त को सौंप सकते हैं। 

ग्रुप बी, सी और डी कर्मचारियों के एक करोड़ रुपए तक के मामले में उपायुक्त और विभाग के एचओडी के परामर्श से मामलों का निपटारा कर सकेंगे। हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने सोमवार को बताया कि ब्यूरो द्वारा 5 जुलाई को इस संबंध में एक सर्कुलर भी जारी किया गया है, जिसके तहत भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 17-ए के तहत अनुमति मांगने वाले सभी मामले और पीसी अधिनियम 1988 की धारा-19 के तहत दर्ज मामलों की स्वीकृति के संबंध में किसी भी विभाग के ग्रुप बी, सी और डी के कर्मचारियों के एक करोड़ रूपए तक के भ्रष्टाचार के मामलों का मंडलायुक्त द्वारा निपटान किया जाना है।

राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 17ए और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा-19 के तहत एक करोड़ रुपए तक के दर्ज मामलों का निपटारा करने के लिए मंडलायुक्त को शक्तियां प्रदान की गई। इसके तहत बोर्ड, निगम, फैडरेशन, पंचायती राज संस्थाओं व शहरी स्थानीय निकायों  के बी, सी और डी कर्मचारियों के साथ पंचायती राज संस्थाओं व शहरी स्थानीय निकायों के सदस्यों, पंच, सरंपचों की जांच व पूछताछ भी प्रत्येक रेंज मुख्यालय पर डिविजनल ब्यूरो द्वारा की जाएगी। 

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