मिडिल स्कूलों को भी तुरंत खोला जाए
Private School Welfare Association demands: चंडीगढ़। फैडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल वैलफेयर एसोसिएशन ने हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश में डेढ दशक से चल रहे स्कूलों की सूची जारी नहीं किए जाने पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि इस मामले में हजारों विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री को हस्तक्षेप करना चाहिए और सरकार को बिना किसी देरी के 2003 से पहले चल रहे स्कूलों की सूची जारी करनी चाहिए।
Private School Welfare Association demands: फैडरेशन के प्रधान कुलभूषण शर्मा ने मंगलवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में बताया कि हरियाणा में 2003 से पहले चल रहे स्कूलों की मान्यता व सबद्धता को लेकर सरकार के पास केस विचाराधीन है। इसे पिछले करीब दो साल से लटकाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हजारों विद्यार्थियों का भविष्य इससे जुड़ा हुआ है। इसलिए इस सूची को बिना किसी देरी के जारी किया जाए।
फैडरेशन अध्यक्ष, प्रवक्ता निशा शर्मा व पिंकी शर्मा ने कहा कि प्रदेश में इस समय छह सौ से अधिक ऐसे स्कूल हैं जिन्हें एग्जिस्टिंग स्कूलों की श्रेणी में शामिल नहीं किया गया है। अफसरशाही इन स्कूलों की फाइलों को लटका रही है।
फैडरेशन नेताओं ने प्रदेश में चल रहे मिडिल स्कूलों को तुरंत खोलने की मांग करते हुए कहा कि हरियाणा में पिछले साल मार्च माह से प्राइमरी व मिडिल स्कूल बंद पड़े हुए हैं। जिससे इनमें पढऩे वाले 14 वर्ष तक के विद्यार्थियों के शिक्षा के अधिकार का हनन हो रहा है। उन्होंने कहा कि बजट स्कूलों के विद्यार्थी ऐसे हैं जिनके पास लैपटॉप व स्मार्ट फोन आदि नहीं है। स्कूल बंद होने के कारण उनका सर्वाधिक नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने बिना किसी देरी के प्राइमरी व मिडल स्कूल नहीं खोले तो प्रदेश के तीस फीसदी स्कूल बंद हो जाएंगे और उनमें नौकरी करने वाले शिक्षक बेरोजगार हो जाएंगे। इस मामले में मुख्यमंत्री मनोहर लाल को तुरंत हस्तक्षेप करके अधिकारियों को निर्देश जारी करने चाहिए।