चंडीगढ़। चंडीगढ़ कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत की चंडीगढ़ कांग्रेस से आज हुई पहली ही बैठक में कांग्रेस की धड़ेबाज़ी खुलकर सामने आई। बैठक को हरीश रावत व सह प्रभारी संजय चौधरी ने संबोधित किया।
जानकारी के अनुसार इस बैठक में खुलकर प्रदीप छाबड़ा व पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल का मनमुटाव भी देखने को मिला। जिसके बाद प्रभारी हरीश रावत ने भी कमान खींचने में देर नहीं लगाई और सभी को एकजुट का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि सभी एकजुट होकर निगम चुनाव की तैयारी में जुट जाएं। बैठक में पार्टी अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा के खिलाफ सुगबुगाहट भी सुनाई दी, जबकि पार्टी अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा ने रावत को स्पष्ट कहा कि उनके लिए पार्टी के नेता व कार्यकर्ता वही हैं जो गत छह वर्षों से उनके साथ खड़े हैं, उनके साथ जेलों में गए हैं व पुलिस की लाठियां खाई हैं।
जबकि उनके विरोध में एकदम पार्टी के अधिकांश वरिष्ठ नेताओं, सुभाष चावला, दविन्दर सिंह बबला आधि, ने प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से पार्टी की वर्किंग पर सवाल उठाये। पूर्व महापौर व पार्टी के वरिष्ठ नेता सुभाष चावला ने तो हरीश रावत से अनुरोध किया कि वह रातभर रुके व पार्टी कार्यकर्ताओं से अकेल-अकेले मिलें, सच सामने आ जायेगा। उनका कहना था कि माईक पर सार्वजनिक रूप से लोग खुल कर नहीं बोल सकते।
बबला ने भी अप्रत्यक्ष रूप से अपनी भड़ास निकाली। पार्टी के अन्य कई नेताओं ने भी पार्टी की कार्यकारिणी पर सवाल उठाये व वरिष्ठ नेताओं को हाशिये पर धकेलने के प्रति गुस्सा भी जाहिर किया। बबला ने तो यहां तक कह दिया कि पिछले छह साल में पार्टी शहर में हुए हर चुनाव को हारी है।
छाबड़ा ने नेताओं अभिवादन के लिए शालें प्रस्तुत की। प्रभारी हरीश रावत ने तो इसे सहश्र स्वीकार किया। जब छाबड़ा पवन बंसल को सम्मानित करने लगे तो उन्होंने यह कह दिया कि घर के लोगों को भेट करने की क्या आवश्यकता है?