Central government should consider the revised report for the restoration of Chintpurni temple

चिंतपूर्णी मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए संशोधित रिपोर्ट पर विचार करे केंद्र सरकार

Central government should consider the revised report for the restoration of Chintpurni temple

Central government should consider the revised report for the restoration of Chintpurni temple

शिमला:हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने चिंतपूर्णी मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए केंद्र सरकार को संशोधित रिपोर्ट पर विचार करने के आदेश दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने इसके लिए केंद्र सरकार को छह हफ्ते का समय दिया है। राज्य सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि केंद्र की प्रसाद स्कीम के तहत चिंतपूर्णी मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए भूमि अधिग्रहण का काम पूरा कर लिया गया है। इसके बाद मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए संशोधित प्रोजेक्ट रिपोर्ट भी बना दी गई है। राज्य सरकार की ओर से मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए उचित भूमि का चयन न करने पर केंद्र सरकार ने 21 जनवरी 2022 में इस प्रोजेक्ट को प्रसाद स्कीम की सूची से हटा दिया था। बता दें कि प्रदेश के मंदिरों पर हिंदू धार्मिक बंदोबस्ती अधिनियम के प्रावधानों की अनुपालना सुनिश्चित किए जाने को लेकर याचिका दायर की गई है।

हाईकोर्ट ने प्रथम अनुसूची में आने वाले मंदिरों की धनराशि कानून के तहत मिली छूट के अलावा किसी अन्य कार्य के लिए खर्च करने पर पहले ही रोक लगा रखी है। न्यायालय ने इस अधिनियम के तहत नियुक्त सभी आयुक्तों से उनके अधीन आने वाले मंदिरों की संख्या व सबके नाम बताने के आदेश जारी कर रखे हैं। हिंदू धार्मिक बंदोबस्ती अधिनियम के तहत मंदिरों की आय को श्रद्धालुओं के लिए बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए छूट दी गई है। यह आय शिक्षण संस्थानों की स्थापना और उनके रखरखाव पर भी खर्च की जा सकती है। विद्यार्थियों के प्रशिक्षण के लिए भी मंदिरों की आय का इस्तेमाल किया जा सकता है। हिंदू धर्म के विस्तार के लिए भी इस आय का इस्तेमाल किया जाना जरूरी है। मामले पर पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया था कि पिछले 10 वर्षों में प्रदेश के मात्र 12 मंदिरों की आय 361 करोड़ से ज्यादा हुई।