नई दिल्ली: सोशल मीडिया को आप जिस मंशा के साथ इस्तेमाल करेंगे, परिणाम भी आपको वैसा ही मिलेगा।कहने को कहते हैं कि सोशल मीडिया बुरी है।हां बुरी है लेकिन उनके लिए जो इसका प्रयोग बुरे रूप में करते हैं।अन्यथा जो इसको अच्छे भाव से प्रयोग में लाते हैं वह खुद भी अच्छा परिणाम पाते हैं और दूसरों को भी अच्छा परिणाम देते हैं।अब जरा दिल्ली का ही एक मामला देख लीजिए।यहां मालवीय नगर में एक बुजुर्ग पति-पत्नी ‘बाबा का ढाबा’ नाम से ढाबा चलाते हैं पर इनकी शिकायत थी कि लोग ढाबे पर खाना खाने नहीं आते।बुजुर्ग पति-पत्नी ने रोते हुए अपनी पीड़ा को व्यक्त करते हुए बताया था कि वह रोज बेहद साफ-सफाई के साथ लजीज खाना बनाकर तैयार करते हैं और राह तकते हैं कि यह बिक जाएगा परंतु ऐसा नहीं होता।जिसकी वजह से उनका जीवनयापन खतरे में पड़ गया है।ऐसे में वह कैसे जीवनयापन करें।
सबसे बड़ी बात यह हैं कि, ये बुजुर्ग पति-पत्नी उस उम्र में मेहनत कर रहे हैं जिस उम्र में कोई भी आराम से दो रोटी खाना चाहता है।लेकिन सबकी किस्मत में ऐसा कुछ नसीब नहीं होता।इनकी उम्र काफी हो चली है।यह अपने जीवन के आखिरी पड़ाव पर भी संघर्षरत हैं।इसलिए इनके जीवन के इस आखिरी संघर्ष को व्यर्थ मत जाने दीजिए।बाबा का ढाबा जाइये औऱ यहां खाना खाइए या पैक कराइये, जिससे इनकी मदद हो सके।कभी-कभी कुछ बेवजह भी खरीद लिया करिए क्योंकि आपकी बेवजह की यह खरीद औरों की जिंदगी जीने की वजह बन सकती है।
बतादेंकि, बाबा का ढाबा चलाने वाले बुजुर्ग पति-पत्नी की व्यथा सोशल मीडिया पर जैसे ही पड़ी।देखते ही देखते वायरल हो गई।आम लोगों से लेकर बड़ी-बड़ी हस्तियों ने बुजुर्ग पति-पत्नी की व्यथा को आगे बढ़ाया।और बाबा का ढाबा जाकर इनकी मदद करने की गुजारिश की।अब आलम यह है कि बुजुर्ग पति-पत्नी के रोते हुए चेहरे पर एक सुंदर सी हंसी देखने को मिल रही है।सोशल मीडिया पर बाबा का ढाबा का ऐसा प्रचार हुआ कि लोगों का हुजूम अब ढाबे पर उमड़ रहा है।बाबा-दादी अब खुश हैं।
इधर, दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता भी बाबा का ढाबा पहुँचें।उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा- बाबा की पीड़ा और उनके ढाबे का वीडियो देख कल रात से ही मन व्यथित था। दिल नहीं माना तो #BabaKaDhabha पर आ ही गया, जब मैंने बाबा और दादी के चेहरे की मुस्कान देखी तो मानों सारी चिंता एक साथ दूर हो गयी। बस इस बात की शिकायत रही कि अम्मा के हाथ की रोटी नहीं मिल पायी, आगे जरूर कभी आऊँगा।
बाबा की पीड़ा और उनके ढाबे का वीडियो देख कल रात से ही मन व्यथित था। दिल नहीं माना तो #BabaKaDhabha पर आ ही गया, जब मैंने बाबा और दादी के चेहरे की मुस्कान देखी तो मानों सारी चिंता एक साथ दूर हो गयी। बस इस बात की शिकायत रही कि अम्मा के हाथ की रोटी नहीं मिल पायी, आगे जरूर कभी आऊँगा। pic.twitter.com/fQreB8uDEx
— Adesh Gupta (@adeshguptabjp) October 8, 2020