Acharya Chanakya Thoughts : आचार्य चाणक्य के विचार और उनकी नीतियां भले ही कड़वी और कठोर हैं मगर हैं जीवन को सुधार देने वालीं और सफल देने वालीं| इसलिए आचार्य चाणक्य के विचारों से प्रेरित होकर उन्हें अपने जीवन में जरूर अपनाएं क्योंकि कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। जीवन कोई फूलों की सेज नहीं है जिसपर आपका जीवन चलता जायेगा| अरे ये तो वो कस्ती है जो कभी डूबती है तो कभी हिचकोले लगाती है तो कभी बड़े आराम से अपने सफर को पार करती है| जीवन में कांटें भी हैं और फूल भी| इसलिए दोनों समय-समय पर आपको घेरते हैं| सुख-दुःख दोनों जीवन के साथी हैं| फिलहाल आचार्य चाणक्य के विचार तो बहुत हैं परन्तु आज हम उनके विचारों में से आपको एक विचार से अवगत कराने जा रहे हैं| ये विचार यूं है कि मनुष्य के अंदर किन चीजों को नहीं होना चाहिए और किस चीज का उसके अंदर होना अति आवश्यक है जो जिससे उसका जीवन को सुंदर और समृद्धशाली बनता है|
आचार्य चाणक्य के विचार(Acharya Chanakya Thoughts) में घुली नीति कहती हैं- मनुष्य के अंदर जल्दबाजी, अहंकार, क्रोध और लालच के गुण नहीं होने चाहिए| ये चार चीजें मनुष्य की नैया को डुबोने में देर नहीं लगातीं| अच्छे-भले मनुष्य को देखते-देखते ये चार चीजें खा जाती हैं| समाप्त कर देती हैं उसे चौपट कर देती हैं| इसलिए मनुष्य को इन चार चीजों से दूर रहना चाहिए| ये चार चीजें न मनुष्य के वर्तमान को तो नष्ट करती हैं साथ ही उसके भविष्य पर भी अंधकार का साया डाल देती हैं|
क्या चीज अपनाये….
मनुष्य को धैर्यता अपनानी चाहिए क्योंकि धैर्य सबसे उत्तम गुण है जो मनुष्य के जीवन को निखारता है| धैर्य से ही मनुष्य धनवान बनता है, धैर्य से ही मनुष्य प्रभावशाली बनाता है। धैर्य ही मनुष्य को मजबूत बनाता है| धैर्य से ही मनुष्य का व्यक्तित्व है| इसलिए जो काम करें धैर्यता के साथ करें| आपके कर्म में धैर्य का होना बेहद जरुरी है|उदाहरण के तौर पर हमेशा आपने लोगों से ये कहते सुना होगा कि कर्म करो फल की चिंता मत करो। ऐसा इसलिए क्योंकि कर्म करना आपके बस में है लेकिन उसका फल आपको कब और कैसे मिलेगा ये आपके हाथ में नहीं है। कुछ लोग ऐसे होते हैं कि जो कर्म तो करते हैं लेकिन चाहते हैं कि उन्हें उसका फल तुरंत मिल जाए। ऐसा संभव नहीं है| प्रतीक्षा करो उसके लिए | तो ये थी Chanakya Niti, अगली चाणक्य नीति से रूबरू होने के लिए बने रहिये अर्थ प्रकाश पर ..