केंद्र के फैसले के बाद हरियाणा में बदलेंगे समीकरण

केंद्र के फैसले के बाद हरियाणा में बदलेंगे समीकरण

केंद्र के फैसले के बाद हरियाणा में बदलेंगे समीकरण

केंद्र के फैसले के बाद हरियाणा में बदलेंगे समीकरण

चंडीगढ़, 27 नवम्बर। केंद्र सरकार द्वारा पराली जलाने पर किसानों के खिलाफ मामले दर्ज नहीं किए जाने के फैसले के बाद हरियाणा के जहां राजनीतिक समीकरण बदलेंगे वहीं हजारों किसानों को राहत मिलेगी। केंद्र सरकार के ऐलान के बाद प्रदेश सरकार ने सभी जिलों से इस संबंध में रिपोर्ट मांग ली है। माना जा रहा है कि राज्य सरकार अगले सप्ताह के दौरान किसान आंदोलन में दर्ज हुई एफआईआर तथा पराली जलाने को लेकर हुई कार्रवाई के संबंध में बड़ा फैसला ले सकती है।
हरियाणा में पराली को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। हर साल पराली जलाने के कारण न केवल प्रदूषण फैलता है बल्कि सरकार द्वारा किसानों को जुर्माना भी किया जाता है। किसान जुर्माना करने तथा पराली के मुद्दे पर सरकार को घेर रहे हैं।
इस बीच मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी गत दिवस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई मुलाकात में हरियाणा में किसानों द्वारा पराली जलानेे तथा अब तक की गई कार्रवाई के बारे में चर्चा की थी। आज केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि पराली जलाने के आरोप में किसानों पर मामला दर्ज नहीं करने के आदेश जारी किए हैं।
हरियाणा कृषि विभाग से मिली रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में इस सीजन के दौरान कुल 6995 स्थानों पर पराली जलाई गई है। 2719 स्थानों पर विभागीय टीमों ने दौरा किया लेकिन वहां आगजनी की कोई घटना नहीं मिली। इस सीजन के दौरान पराली जलाने के आरोप में किसानों को कुल 71 लाख 25 हजार रुपये का जुर्माना किया गया। कुल 3346 किसानों के चालान किए गए हैं। 
इस सीजन में विभागीय टीमों द्वारा 94 किसानों के खिलाफ मामले दर्ज करवाने की कार्रवाई की गई है। इस सीजन में सबसे अधिक पराली जलाने के 1517 केस फतेहाबाद जिले में आए हैं। दूसरे नंबर पर 1215 मामलों के साथ कैथल है। केंद्र सरकार द्वारा इस संबंध में अधिसूचना जारी किए जाने के बाद हरियाणा सरकार भी पराली जलाने को लेकर दर्ज हुए मामलों पर फैसला करेगी।