पंजाब में आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों के लिए 25000 मकान बनाए जाएंगे; पहले पड़ाव के अंतर्गत 15000 मकानों का होगा निर्माण: अमन अरोड़ा

पंजाब में आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों के लिए 25000 मकान बनाए जाएंगे; पहले पड़ाव के अंतर्गत 15000 मकानों का होगा निर्माण: अमन अरोड़ा

Economically Weaker Sections in Punjab

Economically Weaker Sections in Punjab

पहले पड़ाव के लिए टैंडर प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी, आवास निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री ने विधानसभा में दी जानकारी  

चंडीगढ़, 11 मार्च: Economically Weaker Sections in Punjab: पंजाब के आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों के लोगों का अपने मकान का सपना साकार करने के लिए मुख्यमंत्री स. भगवंत मान(Chief Minister S. Bhagwant Mann) के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा पंजाब ई.डब्ल्यू.एस. हाउसिंग पॉलिसी(Punjab E.W.S. housing policy) के अंतर्गत राज्य भर में चरणबद्ध तरीके से 25,000 मकानों का निर्माण किया जाएगा और पहले चरण के अंतर्गत तकरीबन 15,000 मकान बनाए जाएंगे। यह जानकारी पंजाब के आवास निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री श्री अमन अरोड़ा ने आज पंजाब विधानसभा में प्रश्न काल के दौरान दी।  
एस.ए.एस. नगर (मोहाली) से विधायक श्री कुलवंत सिंह द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में आवास निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री ने कहा कि जिन स्थानों पर इन मकानों का निर्माण किया जाना है, उनकी पहचान सभी विशेष शहरी विकास अथॉरिटी (गमाडा, गलाडा, पी.डी.ए, बी.डी.ए, जे.डी.ए और ए.डी.ए)(Gamada, Galada, P.D.A., B.D.A., J.D.A. and A.D.A) ने कर ली है और इस सम्बन्धी टैंडर जारी करने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू कर दी जाएगी।  
श्री अमन अरोड़ा ने कहा कि पिछली सरकारों की लापरवाही के कारण राज्य में 14 हज़ार से अधिक अनाधिकृत कॉलोनियाँ बन गई हैं और ई.डब्ल्यू.एस. हाउसिंग को अनदेखा किया गया है।  
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत मान की सरकार आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों को वाजिब कीमत पर अपना मकान मुहैया करवाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और आवास निर्माण एवं शहरी विकास विभाग द्वारा उन प्रमोटरों को कब्ज़ा सौंपने के लिए नोटिस जारी किए गए हैं, जिन्होंने नीति के अनुसार ई.डब्ल्यू.एस. हाउसिंग के लिए आरक्षित ज़मीन का कब्ज़ा नहीं सौंपा।  
आवास निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री ने कहा कि ई.डब्ल्यू.एस. हाउसिंग के लिए आरक्षित 300.45 एकड़ ज़मीन राज्य सरकार के पास मौजूद है। उन्होंने बताया कि 9 बिल्डरों द्वारा ई.डब्ल्यू.एस. के लिए 520 फ्लैट आरक्षित हैं, जिनमें से 8 बिल्डरों द्वारा गमाडा के अधीन क्षेत्र में 249 फ्लैट और जालंधर विकास अथॉरिटी (जे.डी.ए) के क्षेत्र के अधीन एक बिल्डर द्वारा 271 फ्लैट आरक्षित किए गए हैं।  
उन्होंने कहा कि 23 बिल्डरों द्वारा फ्लैट आवंटित करने की बजाय 32.84 करोड़ रुपए जमा करवाए गए हैं। यह फंड ई.डब्ल्यू.एस. हैड में जमा करवाए गए हैं, जिनका प्रयोग ई.डब्ल्यू.एस. मकानों के निर्माण के लिए किया जाएगा।

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